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Wednesday, 13 November, 2024
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इमरान खान सियासी पिच पर प्रधानमंत्री की अपनी पहली ही पारी में रन आउट हो गये

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इस्लामाबाद,10 अप्रैल (भाषा) पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर इमरान खान अपनी कमजोर टीम को 1992 में विश्व चैंपियन बनाने में कामयाब रहे थे, लेकिन अपना यह करिश्मा सियायत की पिच पर दोहराने में वह नाकाम हो गए। दरअसल, संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली में विपक्ष ने उन्हें प्रधानमंत्री की पहली पारी के बीच में ही रन आउट कर दिया।

नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर शनिवार देर रात हुए मतदान से पहले सहयोगियों और उनकी पार्टी के सांसदों ने उनका साथ छोड़ दिया था।

खान के खिलाफ विपक्ष ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। तीन अप्रैल को नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष ने इस अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था, जिसके बाद खान ने निचले सदन को भंग करने और नए सिरे से चुनाव कराए कराने की राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से सिफारिश की थी जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया था।

हालांकि, प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने सात अप्रैल को 5-0 के ऐतिहासिक फैसले में नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष के फैसले को खारिज कर दिया और अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने के लिए नौ अप्रैल को सदन का सत्र बुलाने का निचले सदन के अध्यक्ष को निर्देश दिया था।

खान, 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे और इसके बाद अपने सबसे मुश्किल सियासी इम्तिहान में दलबदलुओं और सत्तारूढ़ गठबंधन में दरार पड़ने के चलते कार्यकाल पूरा नहीं कर सकें। वह पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के जरिए पद से हटाया गया है।

ऑक्सफोर्ड से पड़े खान एक पश्तून हैं और जब उन्होंने प्रधानमंत्री पद संभाला था तब उन्होंने ‘नया पाकिस्तान’ बनाने का वादा किया था लेकिन वह आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित रखने की बुनियादी समस्या का हल करने में नाकाम रहे।

पिछले साल जासूसी एजेंसी आईएसआई के प्रमुख की नियुक्ति का समर्थन करने से इनकार करने के बाद खान ने साफतौर से ताकतवर फौज की हिमायत खो दी थी। हालांकि, बाद में वह सहमत हो गए थे, लेकिन इसने सेना के साथ उनके रिश्तों में खटास ला दी।

पाकिस्तान के 75 साल के इतिहास में आधे से अधिक वक्त तक मुल्क पर फौज ने हुकूमत की है और सेना अब भी सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में अपना काफी प्रभाव रखती है।

खान के 21 साल का क्रिकेट करियर ने उनके 26 वर्ष के राजनीतिक सफर को धुंधला कर दिया। उन्होंने सभी विपक्षी नेताओं के साथ तिरस्कार के भाव व्यवहार किया, उनके लिए अपमानजनक टिप्पणियां की, उन्हें एक बैनर तले एकजुट होने और उनकी सरकार को गिराने का एक कारण दिया।

पिछली बार उन्होंने मार्च 2021 में सीनेट के एक चुनाव में शर्मनाक हार के बाद आसानी से विश्वास मत हासिल कर लिया था।

खान ने 1996 में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) नाम की पार्टी गठित की, जिसका अर्थ ‘न्याय के लिए आंदोलन’ है। उन्होंने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी), दो मुख्य राजनीतिक दलों के प्रभुत्व को तोड़ने के लिए संघर्ष किया। जब फौज मुल्क पर शासन नहीं कर रही होती है तो इन दोनों में से ही किसी एक की सरकार होती है।

वर्षों तक पीएमएल-एन और पीपीपी के प्रभुत्व को तोड़ने में नाकाम रहे खान ने एक बार कह था, ‘पाकिस्तान में राजनीति वंशानुगत है।’ वह पीएमएल-एन और पीपीपी पार्टियों के नेताओं का जिक्र कर थे, जिनका नेतृत्व क्रमशः शरीफ परिवार और भुट्टो परिवार करता है।

खान 2002 में संसद सदस्य बने। वह 2013 में फिर से नेशनल असेंबली के लिए चुने गए।

चुनावों के एक साल बाद, मई 2014 में, खान ने आरोप लगाया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ पीएमएल-एन के पक्ष में चुनावों में धांधली की गई है।

अगस्त 2014 में, खान ने लाहौर से इस्लामाबाद तक अपने समर्थकों की एक रैली का नेतृत्व किया, जिसमें शरीफ के इस्तीफे और कथित चुनावी धांधली की जांच की मांग की गई थी।

खान की पार्टी को 2018 के आम चुनावों में जीत मिली और उन्होंने भ्रष्टाचार पर नकेल कसने, गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों को लागू करने, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा में सुधार करने व अपने देश को इस्लामी कल्याणकारी राज्य में बदलने का वादा किया था।

हालांकि, वह अर्थव्यवस्था और वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने की बुनियादी समस्या को दूर करने में नाकाम रहे।

विदेश नीति के मोर्चे पर, खान के पश्चिम, खासकर अमेरिका के साथ रिश्तों में बर्फ जमी रही। खान ने रूस के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने की कोशिश की और अपने सहयोगी चीन के साथ ताल्लुकात और मजबूत किए।

खान के कार्यकाल के दौरान, 2019 में पाकिस्तान और भारत के बीच संबंध और तनावपूर्ण हो गए थे। उस साल पाकिस्तान स्थित एक आतंकी समूह ने फरवरी में पुलवामा में एक आत्मघाती हमला किया था जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये।

इसके बाद भारत को पाकिस्तान स्थित बालाकोट में आतंकी शिविरों पर हवाई बमबारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

अगले दिन दोनों देशों के बीच आसमान में हिंसक झड़प हुई, जिस दौरान भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को पाकिस्तान ने पकड़ लिया था। हालांकि, उन्हें बाद में छोड़ दिया गया।

इसके बाद अगस्त 2019 में भारत ने जम्मू- कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया तथा राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया, जिससे दोनों मुल्कों के रिश्ते और बिगड़ गए।

खान इस बात पर जोर देते रहे कि कश्मीर विवाद दोनों देशों के बीच एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है और उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान संयुक्त राष्ट्र सहित कई मंचों पर इस मुद्दे को उठाया।

हालांकि, भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि जम्मू कश्मीर उसका (भारत का) अभिन्न हिस्सा है, था और हमेशा रहेगा।

बाद में 2019 में, प्रधानमंत्री खान ने औपचारिक रूप से करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया, जिससे भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को बिना वीजा के पाकिस्तान में अपने धर्म के सबसे बड़े तीर्थ स्थलों में शामिल एक गुरुद्वारा तक जाने का मार्ग प्रशस्त हुआ।

खान को कभी उनके पठानी ‘लुक’ और कद काठी के लिए उन्हें पाकिस्तान का सबसे योग्य ‘बैचलर’ माना जाता था। उन्होंने तीन बार शादी की, जिनमें से दो के साथ उनका तलाक हो गया।

उनकी पहली शादी ब्रिटिश अरबपति की बेटी जेमिमा गोल्डस्मिथ से 1995 में हुई थी, जो नौ साल तक चली। खान से उनके दो बेटे हैं। 2015 में टीवी एंकर रेहम खान के साथ उनकी दूसरी शादी हुई जो 10 महीने के बाद खत्म हो गई।

2018 में खान ने तीसरी बार शादी की। इस बार उन्होंने अपनी ‘आध्यात्मिक मार्गदर्शक’ बुशरा मानिका के साथ निकाह किया।

खान का जन्म 1952 में मियांवाली में इकरामुल्ला खान नियाज़ी और शौकत खानम के यहां हुआ था। उनके पिता शर्मनखेल वंश के पश्तून नियाज़ी कबीले से थे।

उन्होंने लाहौर के एचिसन कॉलेज और इंग्लैंड के रॉयल ग्रामर स्कूल वॉर्सेस्टर में पढ़ाई की।

खान ने 1971 और 1992 के बीच पाकिस्तान के लिए टेस्ट क्रिकेट खेला और 1992 में जब पाकिस्तान ने विश्व कप जीता तब वह राष्ट्रीय टीम के कप्तान थे।

भाषा

नोमान सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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