वाशिंगटन : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री तीन दिन के अमेरिकी दौरे पर हैं. उन्होंने बुधवार को अमेरिकी सांसदों को संबोधित करते हुए एक बड़े खुलासे के तहत माना कि उनके देश में 40 आतंकी समूह सक्रिय थे.
कैपिटल हिल में संबोधित करते हुए खान ने कहा, ‘हम आतंक का अमेरिकी युद्ध लड़ रहे थे. पाकिस्तान के 9/11 से कोई लेना-देना नहीं था. अलकायदा अफगानिस्तान में था. पाकिस्तान में कोई भी तालिबानी आतंकी नहीं सक्रिय था. लेकिन हम अमेरिकी युद्ध में शामिल हुए. दुर्भाग्यवश जब चीजें गलत हुईं इसके लिए मैं अपनी सरकार को जिम्मेदार ठहराता हूं जिसने अमेरिका को जमीनी हकीकत से वाकिफ नहीं कराया.
‘वजह थी कि हमारी सरकार नियंत्रण में नहीं थी. 40 आतंकी समूह पाकिस्तन से संचालित थे.’
उन्होंने आगे कहा, ‘पाकिस्तान यह सब तब कर रहा था जब देश को लोगों को अपने सर्वाइवल की चिंता थी. अमेरिका जब पाकिस्तान से चाहता था कि वह लड़ाई में और ज्यादा मदद करे तब वह (पाक) अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा था.’ खान की यह बातें एक वीडियो के जरिये सामने आई हैं, जिसे पाकिस्तान के रेडियो ने शेयर किया है.
पाक पीएम ने कहा, भारत और अमेरिका दोनों देशों ने कई बार पाकिस्तान को उसकी धरती से आतंक के ढांचे को नष्ट करने को कहा.
पाकिस्तान अपनी धरती पर लादेन की मौजूदगी के बारे में जानता था : इमरान
वहीं एक दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा थाकि उनके देश को आतंकी ओसामा बिन लादेन की उसकी धरती पर मौजूदगी के बारे में पता था. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की खुफिया सेवा इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने ही अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए को जानकारी मुहैया कराई, जिसकी मदद से अमेरिका अल कायदा प्रमुख लादेन तक पहुंचा था. उनकी यह टिप्पणी पाकिस्तान के आधिकारिक रुख के उलट आई है.
पाकिस्तान ने आधिकारिक रूप से यही कहा कि 2 मई 2011 को एबटाबाद में अमेरिकी विशेष बलों द्वारा रात के समय लादेन को गोलियों से भून देने तक उसे ओसामा बिन लादेन के ठिकाने की कोई जानकारी नहीं थी.
अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर आए खान ने फॉक्स न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में यह टिप्पणी की थी. उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान जेल में बंद डॉक्टर शकील अफरीदी को रिहा कर देगा, जिसने अलकायदा प्रमुख को ढूंढ़ने में अहम भूमिका निभाई थी?
इस पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह आईएसआई थी जिसने ओसामा बिन लादेन के स्थान की जानकारी दी. अगर आप सीआईए से पूछें, तो (पता चलेगा कि) यह आईएसआई थी जिसने फोन के माध्यम से प्रारंभिक स्थान के बारे में बताया था.’