scorecardresearch
Saturday, 15 June, 2024
होमविदेशइमरान खान बोले- जब परमाणु संपन्न देश अंतिम सांस तक लड़ता है तो परिणाम भयावह होते हैं

इमरान खान बोले- जब परमाणु संपन्न देश अंतिम सांस तक लड़ता है तो परिणाम भयावह होते हैं

16 अगस्त को यूएनएससी में बंद दरवाजे की एक बैठक में अमेरिका, फ्रांस और रूस ने कश्मीर पर भारत का समर्थन किया था, जबकि चीन अपने करीबी मित्र पाकिस्तान का.

Text Size:

नई दिल्ली : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर भारत के साथ युद्ध की संभावना जताई है. उन्होंने कश्मीर मसले को लेकर परमाणु युद्ध होने के आसार भी जताए हैं. अल जजीरा को दिए साक्षात्कार में इमरान ने भी सांकेतिक रूप से स्वीकार किया कि पाकिस्तान भारत के साथ एक पारंपरिक युद्ध में हार सकता है, और इस मामले में परिणाम भयावह हो सकते हैं.

कश्मीर पर भारत को परमाणु हमले की धमकी देने के बारे में एक सवाल पर इमरान ने चैनल से कहा, ‘कोई भ्रम नहीं है. मैंने जो कहा है, वह यह है कि पाकिस्तान कभी भी परमाणु युद्ध शुरू नहीं करेगा. मैं शांतिवादी हूं, मैं युद्ध विरोधी हूं. मेरा मानना है कि युद्ध से समस्याओं का समाधान नहीं होता. युद्ध के अनपेक्षित परिणाम होते हैं. वियतनाम, इराक के युद्ध को देखें, इन युद्धों से अन्य समस्याएं पैदा हुईं जो शायद उस कारण से ज्यादा गंभीर हैं जिसे लेकर ये युद्ध शुरू किए गए थे.’

इमरान ने आगे कहा, ‘मैं इस बात को लेकर स्पष्ट हूं कि जब दो परमाणु सशस्त्र देश एक पारंपरिक युद्ध लड़ते हैं, तो इसकी परिणीति परमाणु युद्ध में होने की पूरी संभावना है. ईश्वर न करें, अगर मैं कहूं कि पाकिस्तान पारंपरिक युद्ध में हार रहा हो और अगर एक देश दो विकल्पों के बीच फंस गया है, या तो आप आत्मसमर्पण करेंगे या अपनी स्वतंत्रता के लिए आखिरी सांस तक लड़ेंगे. मुझे पता है कि पाकिस्तान स्वतंत्रता के लिए अंतिम सांस तक लड़ेगा, जब एक परमाणु संपन्न देश अंतिम सांस तक लड़ता है तो परिणाम भयावह होते हैं.’

इमरान ने कहा, ‘यही कारण है कि हमने संयुक्त राष्ट्र से संपर्क किया है और हर अंतर्राष्ट्रीय मंच से संपर्क कर रहे हैं कि उन्हें अब इस पर कदम उठाना चाहिए. क्योंकि यह (कश्मीर) एक संभावित आपदा है जो भारतीय उपमहाद्वीप से आगे जाएगी.’

कश्मीर के लिए भारत के विशेष दर्जे को निरस्त करने पर उन्होंने कहा कि ‘भारत ने कश्मीर पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया है.’

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

उन्होंने यह भी कहा कि भारत के साथ अब बातचीत की कोई संभावना नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि कश्मीर मुद्दे का समाधान अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा नहीं किया जाता है तो यह वैश्विक व्यापार को प्रभावित कर सकता है.

इमरान ने द न्यूयॉर्क टाइम्स में अपने एक लेख में और इससे पहले भी कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत के साथ परमाणु युद्ध की धमकी दी थी.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने की पेशकश के बारे में पूछे जाने पर, इमरान ने कहा, ‘मैं राष्ट्रपति ट्रंप का शुक्रगुजार हूं, जो दुनिया में सबसे शक्तिशाली हैं. अगर वह हस्तक्षेप करते हैं, गंभीरता से हस्तक्षेप करते हैं, तो यह एक तरीका हो सकता है जिससे आप इसका कोई समाधान निकाल सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के माध्यम से कश्मीर पर अप्रत्यक्ष रूप से कोई कदम उठा सकता है.

16 अगस्त को यूएनएससी में बंद दरवाजे की एक बैठक में अमेरिका, फ्रांस और रूस ने कश्मीर पर भारत का समर्थन किया था, जबकि चीन ने अपने करीबी मित्र पाकिस्तान का समर्थन किया था.

26 अगस्त को फ्रांस के बिआरित्ज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के दौरान ट्रंप कश्मीर पर मध्यस्थता करने की बात से पीछे हट गए थे. इस मुलाकात में मोदी ने स्पष्ट तौर पर कह दिया था कि कश्मीर पर भारत किसी तीसरे देश की मध्यस्थता नहीं चाहता.

share & View comments