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Monday, 25 November, 2024
होमदेश'हिंदुस्तान एक खुद्दार देश,'भारत की ताकत और विदेश नीति पर फिदा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बोले 

‘हिंदुस्तान एक खुद्दार देश,’भारत की ताकत और विदेश नीति पर फिदा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बोले 

इमरान खान ने देश को संबोधित करते हुए कहा भारत हमारे साथ ही आजाद हुआ था वो एक खुद्दार कौन है. किसी सुपर पावर की जुर्रत नहीं कि वो भारत को अपने इशारों पर चला सके.

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नई दिल्ली: पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने चार दिनों तक सुनवाई करने के बाद नेशनल असेंबली को फिर से बहाल कर दिया था जिसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर से देश को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मुझे मायूसी हुई लेकिन मैं इस फैसले की इज्जत करता हूं.

देश को संबोंधित करते हुए इमरान खान ने कई बार हिंदुस्तान और उसकी सफल सरकार की जिक्र भी किया. कई बार उन्होंने हिंदुस्तान और यहां की विदेश नीति का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि किसी सुपर पावर की हिम्मत नहीं है कि वो भारत को रोक सके. हिंदुस्तान एक खुद्दार कौम है.

इमरान ने कहा, ‘भारत हमारे साथ ही आजाद हुआ था उस देश को मैं बेहतर जानता हूं. मेरे वहां संबंध है. वो एक खुद्दार कौन है. किसी सुपर पावर की जुर्रत नहीं कि वो भारत को अपने इशारों पर चला सके.’

उन्होंने कहा, ‘किसी विदेशी ताक़त की हिम्मत नहीं है कि वो भारत की विदेश नीति में दख़ल दे सके. भारत एक ख़ुद्दार देश है.

भारत की विदेश नीति स्वतंत्र हैं और वो कई पाबंदियों के बाद भी रूस से तेल खरीद रहा है.

मैंने भी ऐसे ही पाकिस्तान का ख्वाब देखा था..मैं भी ऐसा ही पाकिस्तान चाहता हूं. आजाद कौम.

इमरान खान ने देश के लोगों को रविवार को सड़क पर उतरने की गुजारिश की है. इमरान ने कहा कि ‘आपने सबने ईसा की नमाज़ के बाद परसों (रविवार को) निकलना है और एक ज़िंदा क़ौम की तरह शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना है. प्रदर्शन में तोड़फोड़ नहीं करनी है बल्कि आपको बताना है कि आप अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए निकले हैं.’

इमरान ने खासकर युवाओं को बाहर निकलने और आवाज बुलंद करने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा, ‘आपको एक आज़ाद क़ौम की तरह खड़ा होना है. ज़िंदा क़ौमें खड़ी होती हैं.’

मैं भी लोगों के बीच में रहूंगा और किसी क़ीमत पर ये क़ुबूल नहीं करूंगा कि बाहर की कोई ताक़त पाकिस्तान में हस्तक्षेप करें.

इमरान खान पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘मैं बहुत मायूस हूं.’

‘कम से कम सुप्रीम कोर्ट को देखना चाहिए कि बाहर का एक मुल्क देश की जनता द्वारा चुनी गई सरकार के खिलाफ साजिश कर के गिराना चाहती है. अदालत को कम से कम एक बार दस्तावेज को देखना चाहिए था उन्हें पता चल जाता कि हम सच बोल रहे हैं कि नहीं.’

खुद्दारी और इंसाफ की बात

इमरान ने कहा,’आज से करीब 26 साल पहले मैंने अपनी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ़ शुरू की. तब से मेरे सिद्धांत नहीं बदले हैं. मैंने अपनी पार्टी का नाम इंसाफ़ रखा. मैं ख़ुद्दारी, इंसाफ़ और जनता की भलाई के सिद्धांतों पर चला हूं. आज मैं ख़ुद्दारी और इंसाफ़ पर बात करना चाहता हूं.’

उन्होंने कहा कि मैं आज तक एक बार जेल गया हूं. ये मेरा यक़ीन है कि किसी भी समाज की बुनियाद इंसाफ़ पर होती है और अदालत उस इंसाफ़ की रखवाली होती है. मुझे सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अफ़सोस हुआ है लेकिन हम उसे स्वीकार करते हैं.’

इमरान ने कहा कि फैसला आपको करना है हमारी देश की जनता को करना है. उन्होंने कहा, ‘डिप्टी स्पीकर ने आर्टिकल 5 के तहत नेशनल असेंबली को भंग किया था.सुप्रीम कोर्ट को कम से कम आरोपों की जांच तो करनी चाहिए थी. अदालत को उन दस्तावेज़ों को बुलाकर देखना चाहिए था.

उन्होंने कहा,’ हम सुप्रीम कोर्ट से ये उम्मीद कर रहे थे कि वो नेताओं की इस ख़रीद-फ़रोख़्त का स्वतः संज्ञान लेगी. ये किस तरह का लोकतंत्र है जिसमें नेताओं की खुलेआम बिक्री हो रही है.

नेताओं की हो रही है भेड़ बकरियों की तरह खरीद फरोख्त

इमरान खान ने इस दौरान नवाज शरीफ और शहबाज शरीफ पर नेताओं के खरीद फरोख्त का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘ये सब शरीफ़ भाइयों ने नेताओं को भेड़ बकरियों की तरह ख़रीदना शुरू किया था और तब से ही सियासत और नीचे जाती जा रही है. जनता की ख़िदमत करने का वादा करके आने वाले नेता बिक रहे हैं.’

आरक्षित सीटों से चुने जाने वाले नेता बिक रहे हैं. मैं एक पाकिस्तानी के रूप में बात कर रहा हूं. मैं एक ख़्वाब देखता था कि हमारा पाकिस्तान एक महान देश बनेगा. मेरा ये ख़्वाब अब भी ज़िंदा है.

‘ये एक संघर्ष मेरा है.’

‘मैंने दुनिया देखी है.’

उन्होंने करीब 35 मिनट तक देश को संबोधित किया. इमरान ने कहा, मैंने इस्लाम के लिए लड़ाई लड़ी है. मैंने यूएन तक में इस्लाम के लिए आवाज उठाई है.

उन्होंने कहा, ‘ये समाज की ज़िम्मेदारी है कि वो बुराई को रोके. जब बुराई को रोका नहीं जाता है तो वो समाज में फैल जाती है. जिस तरह से पश्चिमी देशों के लोग इंसाफ़ के लिए और बुराई के ख़िलाफ़ खड़े होते हैं, हमारे यहां के लोग नहीं होते वो दूर खड़े होकर तमाशा देखते हैं.

‘मैं अपने देश के लोगों से आह्वान करता हूं कि उन्हें भी अपने आप को और अपने देश के भविष्य को बचाना होगा. कोई बाहर से हमें बुराई के ख़िलाफ़ बचाने नहीं आएगा, हमें ख़ुद खड़ा होना होगा.’

हम 22 करोड़ लोग हैं.

‘मैं पाकिस्तान के लोगों से सवाल करना चाहता हूं कि अगर हमें ऐसे ही रहना है तो फिर हम अपनी आज़ादी का जश्न क्यों मनाते हैं. बाहर के देश हमें हुक्म दे रहे हैं. वो हमारे प्रधानमंत्री को हटाने के लिए कह रहे हैं.’

‘अमेरिका के राजनयिक हमारे लोगों से मिल रहे हैं. चंद महीने पहले अमेरिकी अधिकारियों ने हमारे नेताओं को बताया कि इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव आ रहा है. मैं अपने देश के लोगों से ये कहना चाहता हूं कि हम क्या चाहतें हैं. क्या हम आज़ाद और खुद्दार क़ौम बनकर रहना चाहते हैं या किसी के ग़ुलाम बनकर रहना चाहते हैं. फैसला आपको करना है.’


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