लाहौर, 30 मई (भाषा) पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान मंगलवार को लाहौर कोर कमांडर हाउस पर हमले सहित चार मामलों में एक आतंकवाद रोधी अदालत के सामने पेश हुए और 2 जून तक की अपनी अग्रिम जमानत के संबंध में मुचलका जमा किया।
अदालत के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘खान एटीसी लाहौर के न्यायाधीश इजाज अहमद बुट्टर के समक्ष पेश हुए और आतंकवाद के चार मामलों में एक-एक लाख पाकिस्तानी रुपये का मुचलका जमा किया, जिसमें उन्हें पहले ही दो जून तक अग्रिम जमानत मिल चुकी है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के 70 वर्षीय अध्यक्ष खान जैसे ही कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश हुए, वकीलों के एक समूह ने उनके पक्ष में नारे लगाए।
खान के वकील ने पूर्व प्रधानमंत्री के जमान पार्क, लाहौर आवास के तलाशी वारंट को भी आतंकवाद रोधी अदालत में चुनौती दी। न्यायाधीश ने अगली सुनवाई के लिए पंजाब पुलिस के डीआईजी (अभियान) को तलब किया और उन्हें जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
नौ मई को इस्लामाबाद में अर्धसैनिक रेंजर्स द्वारा खान की गिरफ्तारी के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लाहौर कोर कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित 20 से अधिक सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारी भवनों में तोड़फोड़ की। रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी पहली बार भीड़ ने हमला किया था। खान को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
कानून लागू करने वाली एजेंसियों ने पूरे पाकिस्तान में खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के 10,000 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 4,000 को पंजाब से गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने हिंसक झड़पों में मरने वालों की संख्या 10 बताई है, जबकि खान की पार्टी का दावा है कि सुरक्षाकर्मियों की गोलीबारी में उसके 40 कार्यकर्ताओं की जान चली गई।
इस बीच, खान के दो वकील लाहौर में जिन्ना हाउस के नाम से प्रसिद्ध कोर कमांडर हाउस पर हमले की जांच कर रहे एक संयुक्त जांच दल के सामने पेश हुए।
नौ मई को लाहौर में जिन्ना हाउस और असकरी कॉरपोरेट टावर में आगजनी के हमलों की जांच के लिए पंजाब की अंतरिम सरकार द्वारा गठित संयुक्त जांच दल ने खान को बयान दर्ज कराने के लिए मंगलवार को बुलाया था, लेकिन उन्होंने इसके बजाय अपने वकीलों को भेज दिया।
खान ने कहा है कि सैन्य प्रतिष्ठानों, खासकर जिन्ना हाउस पर हमले में उनकी कोई भूमिका नहीं है, क्योंकि वह इस अवधि के दौरान जेल में थे।
एटीसी ने हाई-प्रोफाइल लाहौर कोर कमांडर हाउस पर हमले में खान को पुलिस जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था।
बड़ी संख्या में खान की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने 9 मई को जिन्ना हाउस पर धावा बोल दिया और तोड़फोड़ करने के बाद उसमें आग लगा दी थी।
पंजाब गृह विभाग ने 9 मई को हुए हमलों और हिंसक विरोध प्रदर्शनों की जांच के लिए 10 अलग-अलग जेआईटी का गठन किया है, जिसे सेना ने ‘ब्लैक डे’ करार दिया था।
प्रांत के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज कई प्राथमिकियों में खान का नाम है।
भाषा अमित दिलीप
दिलीप
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