नई दिल्ली: पाकिस्तान में शनिवार को प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ महत्वपूर्ण अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान करने के लिए संसद का अहम सत्र शुरू हो गया. पाकिस्तान के इतिहास में संभवत: खान ऐसे पहले प्रधानमंत्री होंगे जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटाया जा सकता है.
पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के एक ऐतिहासिक फैसले के बाद खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए नेशनल असेंबली का सत्र सुबह शुरू हुआ.
प्रधानमंत्री खान को पद से हटाने के लिए विपक्षी दलों को 342 सदस्यीय सदन में 172 सदस्यों की आवश्यकता है. विपक्षी दलों ने क्रिकेटर से नेता बने खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के असंतुष्टों और सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ सहयोगियों की मदद से जरूरत से ज्यादा समर्थन हासिल कर लिया है.
नेशनल असेंबली सचिवालय द्वारा शुक्रवार को जारी ‘ऑर्डर ऑफ द डे’ के मुताबिक, संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली (एनए) के छह सूत्री एजेंडे में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान चौथे स्थान पर है.
‘डॉन’ अखबार की खबर के मुताबिक, खान (69) के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ पीटीआई पार्टी ने विपक्ष के लिए चीजों को जितना हो सके उतना कठिन बनाने का संकल्प लिया है, चाहे वह मतदान प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करना हो या विपक्षी उम्मीदवार शहबाज शरीफ को सदन का नया नेता बनने से रोकना.
सूचना मंत्री फवाद चौधरी के मुताबिक, सरकार ‘धमकी भरे’ संदेश या उसकी सामग्री को संसद में पेश करेगी और सदन के अध्यक्ष से इस मुद्दे पर बहस के लिए कहेगी. शुक्रवार रात को ‘एआरवाई न्यूज’ से चौधरी ने कहा कि मुझे लगता है कि भले ही अविश्वास प्रस्ताव नेशनल असेंबली के एजेंडे में है लेकिन शनिवार को मतदान नहीं होने की संभावना है. खबर में चौधरी के हवाले से कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को बुलाए गए सत्र में मतदान कराने का निर्देश दिया था, इसका मतलब यह नहीं है कि यह उसी तारीख को होगा.
ऐसे संकेत हैं कि सरकार के सांसद सत्र को लंबा खींचने और महत्वपूर्ण मतदान से बचने के लिए कार्यवाही में बाधा डाल सकते हैं.
खान ने हाल के हफ्तों में एक ‘धमकी भरे खत’ के बारे में बात की और दावा किया कि यह उन्हें हटाने की एक विदेशी साजिश का हिस्सा था क्योंकि स्वतंत्र विदेश नीति का पालन करने के कारण वह उन देशों को स्वीकार्य नहीं थे. उन्होंने कहा कि उनकी बहुत इच्छा है कि लोग इस खत को देख सकें लेकिन उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के कारण इसे साझा करने से इनकार कर दिया. हालांकि, इसका सार उन्होंने साझा किया.
खान ने शुक्रवार रात राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में अपने उन आरोपों को दोहराया कि एक अमेरिकी राजनयिक ने पाकिस्तान में शासन परिवर्तन की धमकी दी थी. प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने बृहस्पतिवार को परस्पर सहमति से दिए ऐतिहासिक फैसले में कहा कि नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी का खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने का फैसला ‘संविधान के खिलाफ’ था.
शीर्ष अदालत ने प्रधानमंत्री खान की राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को नेशनल असेंबली को भंग करने की सलाह को ‘असंवैधानिक’ घोषित किया और निचले सदन के अध्यक्ष को शनिवार को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए एक सत्र बुलाने का आदेश दिया.
गौरतलब है कि किसी भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है.
इस बीच, प्रधानमंत्री खान के अपदस्थ होने के मद्देनजर विपक्ष ने नयी सरकार के गठन के लिए अपनी प्रारंभिक वार्ता पूरी कर ली है. ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार ने शुक्रवार को बताया कि राष्ट्रपति अल्वी को हटाने और अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की ब्रिटेन से वापसी की योजना पर काम चल रहा है.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता 70 वर्षीय शहबाज शरीफ, जो नए प्रधानमंत्री के लिए विपक्ष के उम्मीदवार हैं, शपथ लेने के बाद अपनी संभावित सरकारी प्राथमिकताओं की घोषणा करेंगे. नयी संभावित संघीय सरकार में सभी विपक्षी दलों को आनुपातिक प्रतिनिधित्व दिया जाएगा.
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