(युतिका ग्राइम, साइमन फ्रेजर यूनिवर्सिटी)
ब्रिटिश कोलंबिया (कनाडा), सात मई (द कन्वरसेशन) बीस और तीस वर्ष की आयु के कई लोगों का अधिकतर समय खुद को जानने-समझने और एक व्यस्क के तौर पर अपनी जीवनशैली तय करने में निकल जाता है। इस दौरान समाज अकसर उन्हें प्यार की तलाश करने, स्थायित्व हासिल करने और परिवार शुरू करने के बारे में बताता है। इन पहलुओं को आज भी मोटे तौर पर वयस्कता और सफलता के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है।
लेकिन 20 और 30 वर्ष की आयु में अकेले रहने वाले व्यक्तियों की बढ़ती संख्या के लिहाज से इसका क्या मतलब है?
कनाडा में युवा वयस्कों के बीच अकेले रहने की प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है।
इन बदलते रुझानों के बावजूद, सांस्कृतिक नजरिया रोमांटिक रिश्तों को आदर्श मानने के इर्द-गिर्द रहता है। ‘सिंगल’ रहना अभी भी अक्सर एक वैध या पूर्ण जीवन शैली के बजाय एक अस्थायी अवस्था के रूप में देखा जाता है।
एक एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में, मैं साइमन फ्रेजर यूनिवर्सिटी में ‘सिंगलहुड एक्सपीरियंस एंड कॉम्प्लिकेशन्स अंडरलाइंग रिलेशनशिप लैब’ का नेतृत्व करता हूं। मेरा शोध इस बात को समझने पर केंद्रित है कि ‘सिंगल’ और ‘कपल’ लोग कब कामयाब हो सकते हैं और खुश रह सकते हैं।
पिछले कुछ वर्षों में 20 और 30 वर्ष की आयु के एकल (सिंगल) वयस्कों के अनुभवों के बारे में मैंने जो कुछ सीखा है, वह यहां बता रहा हूं।
तेजी से आम होता जा रहा है एकल जीवन
कनाडा में 25 से 29 वर्ष के 59.8 प्रतिशत तथा 30 से 34 वर्ष के 37.6 प्रतिशत लोगों ने बताया कि वे विवाहित या सामान्य कानूनी रिश्ते में नहीं हैं।
ऐसे रिश्तों में नहीं रहने वाले 20 से 34 वर्ष के लोगों का अनुपात 1996 में 50.5 प्रतिशत था, जो बढ़कर 2021 में 60.3 प्रतिशत हो गया।
यहां तक कि जो लोग अंततः एक प्रतिबद्ध रिश्ता चाहते हैं, उनमें से कई लोग निर्णय लेने में देरी कर रहे हैं। कनाडा में विवाह की औसत आयु 1971 में 23.8 वर्ष थी, जो आठ साल बढ़कर 2020 में 31.2 वर्ष हो गई है।
ये रुझान विभिन्न कारकों को प्रतिबिंबित कर सकते हैं: करियर पर अधिक ध्यान, यात्रा को प्राथमिकता देने की इच्छा, डेटिंग में कठिनाई या वयस्कता के दौरान अकेले रहने की प्राथमिकता।
वे ऐसे लोगों की बढ़ती संख्या को भी प्रतिबिंबित कर सकते हैं जो स्वयं को ‘दिल से सिंगल’ मानते हैं और जानबूझकर सिंगल रहना चुनते हैं क्योंकि वे अपनी स्वतंत्रता और एकांत को महत्व देते हैं।
साथी बनाने का बना रहता है दबाव
20 और 30 की उम्र के बीच सिंगल रहने वाले लोगों की बढ़ती संख्या के बावजूद, साथी बनाने और घर बसाने का सामाजिक दबाव बना रहता है, फिर भले ही वे अपनी पसंद से या परिस्थिति के कारण सिंगल हों। ऐसा मुख्य रूप से इसलिए है क्योंकि हमारा समाज शादी और बच्चे पैदा करने पर बहुत ज़्यादा ध्यान देता है।
निश्चित रूप से, रोमांटिक साझेदारी और परिवार की चाहत जीवन के आम और वैध विकल्प हैं। लेकिन रोमांटिक रिश्तों को ऊपर रखना अकेलेपन पर भारी पड़ सकता है।
अकेले लोगों को अक्सर अधूरा समझा जाता है, क्योंकि उनके पास कोई साथी नहीं होता। मैंने अपने सहकर्मियों के साथ मिलकर एक शोध अध्ययन किया, जिससे पता चला कि अकेले लोग अक्सर खुद को अलग-थलग, उपेक्षित और अकेले होने के कारण दया का पात्र महसूस करते हैं, जो उनके लिए नुकसानदेह होता है। उन्हें नकारात्मक रूढ़िवादी विचारों का भी सामना करना पड़ सकता है।
ये सांस्कृतिक विमर्श सिर्फ समाज से उत्पन्न नहीं होते – सिंगल लोग भी इन्हें आत्मसात कर लेते हैं, जिसके नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं।
एक सफल सिंगल व्यक्ति कैसे बनें?
रोमांटिक रिश्तों के महत्व के बारे में सामाजिक विचारों का सामना करने के बावजूद, एकल लोग कैसे खुशहाल, सुरक्षित व संतोषजनक जीवन जी सकते हैं?
इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए, मेरे सहकर्मियों और मैंने सिंगलहुड पर मौजूदा साहित्य की समीक्षा की ताकि यह बेहतर ढंग से समझा जा सके कि सिंगल व्यक्ति कब बेहतर जीवन जी रहे हैं और कब सफल हो रहे हैं। हमने पाया कि, एक ओर कुछ सिंगल लोग अकेले रहने और साथी की इच्छा से जूझते हैं, वहीं कई लोग खुश और सफल हैं।
खुशहाल एकल जीवन से जुड़े कुछ कारक इस प्रकार हैं:
1. खुद के साथ सुरक्षित महसूस करना। जो सिंगल लोग सुरक्षित हैं और करीबी रिश्तों पर भरोसा करने और उन पर निर्भर रहने में सहज महसूस करते हैं, वे सबसे खुश सिंगल व्यक्तियों में शामिल होते हैं। ऐसे लोग अपना जीवन संतुष्ट बताते हैं। सुरक्षित ‘सिंगल्स’ रोमांटिक साझेदारी के विचार के प्रति खुला रुख रखते हैं, लेकिन सिंगल होने पर भी खुश और सहज होते हैं।
2. सहायक मित्रता रखना। अकेले लोग अपनी दोस्ती को ‘पार्टनर’ वाले लोगों की तुलना में ज्यादा महत्व देते हैं। जो अकेले लोग अपनी दोस्ती में निवेश करते हैं, उन्हें लगता है कि वे किसी के साथ हैं, उनका आत्म-सम्मान बढ़ा है और वे अपनी सिंगल स्थिति से ज़्यादा खुश हैं।
3. अंतरंगता की अपनी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होना। सिंगल लोगों में भी यौन और अंतरंगता की जरूरतें होती हैं। शोध से पता चलता है कि जब सिंगल वयस्क इन ज़रूरतों को पूरा करने में सक्षम होते हैं, तो वे सिंगल रहकर ज़्यादा खुश रहते हैं और उनमें रोमांटिक रिश्तों की इच्छा कम होती है।
4. उम्रदराज होना। जैसे-जैसे लोग 40 की उम्र के करीब पहुंचते हैं, वे एकल रहने में खुश रहते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मध्य आयु में एकल लोग अपने एकाकी जीवन में निवेश करना सीख जाते हैं और सामाजिक अपेक्षाओं के अनुरूप ढलने का दबाव महसूस करने की संभावना कम होती है।
5. स्वतंत्रता, मौज-मस्ती और रचनात्मकता को प्राथमिकता देने वाले मूल्यों को अपनाना। शोध से पता चलता है कि जो एकल लोग व्यक्तिगत रूप से स्वतंत्रता, मौज-मस्ती और रचनात्मकता को महत्व देते हैं, वे अधिक खुश रहते हैं।
20 और 30 की उम्र में सिंगल रहना लोगों के लिए अपने आत्म-विकास, करियर, आकांक्षाओं व परिवार, दोस्तों व समुदाय के साथ संबंधों पर ध्यान केंद्रित करने का एक प्रमुख समय हो सकता है। ये एक खुशहाल जीवन के लिए महत्वपूर्ण आधार हैं – चाहे लोग अपना जीवन अकेले जीयें या साथी चुनें।
(द कन्वरसेशन) जोहेब पवनेश
पवनेश
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