नई दिल्ली: युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में दीर्घकालिक शांति स्थापित करने के अपने प्रयासों के तहत अमेरिका तालिबान के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करेगा. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की.
ट्रंप ने एक बयान में कहा,’ जल्द ही, मेरे निर्देश पर, विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ तालिबान के प्रतिनिधियों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे जबकि रक्षा मंत्री मार्क एस्पर अफगानिस्तान की सरकार के साथ संयुक्त घोषणा-पत्र जारी करेंगे.’
उन्होंने कहा,’ अगर तालिबान और अफगानिस्तान सरकार अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा कर पाती है तो हम अफगानिस्तान में युद्ध खत्म करने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ सकेंगे और अपने सैनिकों को घर वापस ला पाएंगे.’
ट्रंप ने कहा कि ये प्रतिबद्धताएं अलकायदा, आईएसआईएस और अन्य आतंकवादी संगठनों से मुक्त नये अफगानिस्तान में दीर्घकालिक शांति स्थापित करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम को दर्शाती हैं. साथ ही कहा कि अपने भविष्य के लिए सोचने का काम अंतत: अफगानिस्तान के लोगों पर निर्भर है.
राष्ट्रपति ने कहा,’इसलिए हम अफगान लोगों से शांति स्थापित करने और उनके देश के लिए नया भविष्य बुनने के अवसर का लाभ लेने की अपील करते हैं.’
उन्होंने याद दिलाया कि करीब 19 वर्ष पहले अमेरिकी सैनिक 9/11 हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों के खात्मे के लिए अफगानिस्तान गए थे.
अमेरिका और तालिबान के बीच ऐतिहासिक शांति समझौते पर आज हस्ताक्षर होने हैं.
समझौते के बाद अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की संभावना
अमेरिका और तालिबान बहुप्रतीक्षित शांति समझौते पर दोहा में हस्ताक्षर करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. इस समझौते के तहत दोनों शत्रुओं के बीच चरमपंथ खत्म करने के बदले अफगानिस्तान से हजारों अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाए जाने पर सहमति बनी है.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगान लोगों से नया भविष्य बुनने के मौके का लाभ उठाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि इस समझौते से 18 साल के लंबे संघर्ष के खत्म होने की उम्मीद है.
उन्होंने हस्ताक्षर कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर कहा,’अगर तालिबान और अफगान सरकार अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा कर पाते हैं तो हम अफगानिस्तान में युद्ध खत्म करने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ सकेंगे और अपने सैनिकों को घर वापस ला पाएंगे.’
ट्रंप ने कहा कि वह संधि पर हस्ताक्षर के लिए विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को भेज रहे हैं और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर काबुल सरकार के साथ अलग से घोषणा-पत्र जारी करेंगे.
उम्मीद है कि इस समझौते से काबुल सरकार और तालिबान के बीच संवाद होगा और अगर यह बातचीत सार्थक रहती है तो अफगान युद्ध अंतत: समाप्त हो जाएगा.
अमेरिका और तालिबान के बीच समझौते से पहले नाटो प्रमुख अफगानिस्तान में
अमेरिका और तालिबान के बीच ऐतिहासिक समझौते से पहले अधिकारियों से मिलने के लिए नाटो प्रमुख जेन्स स्टोल्टनबर्ग शनिवार को अफगानिस्तान में हैं.
नाटो ने एक बयान में बताया कि स्टोल्टनबर्ग अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ शनिवार शाम काबुल मीडिया सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. इसमें अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर भी मौजूद होंगे.
स्टोल्टनबर्ग देश में अमेरिका और नाटो बलों के प्रमुख जनरल स्कॉट मिलर से भी मुलाकात करेंगे.
अमेरिका और तालिबान के बीच ऐतिहासिक समझौता शनिवार को दोहा में होना है लेकिन इसकी विस्तृत जानकारी अभी जारी नहीं की गई है.ऐसा अनुमान है कि अमेरिका अपनी सेना को बाहर निकालना शुरू कर सकता है.