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Saturday, 29 June, 2024
होमविदेशअपने पिता की पार्टी में जगह बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी : पंजाब की मुख्यमंत्री मरयम नवाज

अपने पिता की पार्टी में जगह बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी : पंजाब की मुख्यमंत्री मरयम नवाज

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लाहौर, आठ मार्च (भाषा) पंजाब की मुख्यमंत्री मरयम नवाज ने शुक्रवार को कहा कि सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी में अपने लिए जगह बनाने में उन्हें एक दशक से अधिक समय तक कड़ी मेहनत करनी पड़ी।

मरयम, पाकिस्तान के किसी प्रांत में मुख्यमंत्री पद पर पहुंचने वाली पहली महिला हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर उन्होंने लाहौर में कहा, ‘‘ऐतिहासिक रूप से यह पुरुषों के वर्चस्व वाली पार्टी रही है, ऐसे में अपने लिए मुझे जगह बनाने में 12-13 साल कड़ी मेहनत करनी पड़ी।’’

‘डॉन’ अखबार की खबर में मरयम को उद्धृत करते हुए कहा गया है, ‘‘लेकिन आज मैं यहां हूं, तो यह प्रत्येक महिला, मां और बेटी के लिए संदेश है कि यदि आप कुछ करना चाहती हैं तो महिला होना, आपके सपनों को पूरा करने में अड़चन नहीं हो सकता।’’

मरयम (50) को नवाज शरीफ का राजनीतिक उत्तराधिकारी माना जाता है। मरयम ने पाकिस्तान की सेना के साथ कथित तौर पर हुए एक समझौते के तहत 26 फरवरी को पंजाब की मुख्यमंत्री पद की शपथ ली क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन अपने बूते सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या में सीट हासिल करने में नाकाम रही थी।

सैन्य प्रतिष्ठान ने शरीफ को कथित तौर पर दो विकल्प की पेशकश की थी–उनके छोटे भाई एवं पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को इस्लामाबाद में अगली गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने के लिए नामित करें तथा मरयम राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण और देश की सर्वाधिक आबादी वाले प्रांत पंजाब की मुख्यमंत्री बन सकती हैं।

पंजाब प्रांत, शरीफ बंधुओं का गढ़ है। शरीफ परिवार ने पाकिस्तान को दो प्रधानमंत्री दिये हैं, जो पिछले तीन दशकों में चार कार्यकाल के लिए नियुक्त किये गए, लेकिन इनके सभी (कार्यकाल) अधूरे ही रहे हैं।

मरयम का जन्म 28 अक्टूबर 1973 को लाहौर में हुआ था, जब उनके पिता इस्पात कंपनी का नेतृत्व कर रहे थे और सक्रिय राजनीति में नहीं थे।

कंवेंट ऑफ जीसस एंड मेरी स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद मरयम ने पंजाब विश्वविद्यालय से स्नातक किया और इसी संस्थान से स्नातकोत्तर की उपाधि हासिल की।

उनकी 19 वर्ष की आयु में कैप्टन मोहम्मद सफदर से शादी हुई, जिन्होंने बाद में सेना छोड़ दी और सरकार में अपने ससुर के कोटे से सिविल सेवा में आए। बाद में, सफदर ने यह नौकरी भी छोड़ दी और एक कारोबार शुरू किया।

मरयम काफी समय तक राजनीतिक चकाचौंध से दूर रही थीं और 2011 में सक्रिय राजनीति में आईं। उनके दो भाई-हुसैन और हसन ब्रिटिश नागरिक हैं। उन दोनों ने लंदन में परिवार का कारोबार संचालित करने को प्राथमिकता दी।

वहीं, मरयम उस वक्त चर्चा में आई थीं जब उन्होंने 2017 में अपने पिता को सत्ता से अपदस्थ किये जाने पर सेना के खिलाफ मुहिम शुरू कर दी।

भाषा सुभाष माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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