नयी दिल्ली, दो सितंबर (भाषा) सरकार एकीकृत मॉडल के माध्यम से प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) की भूमिका को उजागर करने के लिए बुधवार को दिशानिर्देश जारी करेगी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।
विज्ञप्ति के मुताबिक इसमें खासतौर पर आंगनवाड़ी और विद्यालय को एक छत के नीचे लाने को लेकर दिशानिर्देश होंगे।
स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (डीओएसईएंडएल) के सहयोग से महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमडब्ल्यूसीडी) बुधवार को प्राथमिक विद्यालयों के साथ आंगनवाड़ी केंद्रों को एक स्थान पर स्थापित करने को लेकर दिशानिर्देश जारी करेगा।
विज्ञप्ति के मुताबिक इस कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ-साथ महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के दोनों विभागों के प्रतिनिधि और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी उपस्थित रहेंगे।
इसमें कहा गया कि विकसित भारत के मानव संसाधान के लिए एक मजबूत आधारशिला बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में यह पहल एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
विज्ञप्ति के मुताबिक ये दिशानिर्देश, आंगनवाड़ी केंद्रों और विद्यालयों के सह-संबंध सहित एकीकृत मॉडल के माध्यम से प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) के महत्व पर ज़ोर देते हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश भर में 2.9 लाख से अधिक आंगनवाड़ी केंद्र पहले से ही विद्यालयों के साथ हैं।
भाषा धीरज अविनाश
अविनाश
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