(योशिता सिंह)
संयुक्त राष्ट्र, नौ मार्च (भाषा) विश्व में 60 लाख से अधिक जिंदगी लील चुकी कोविड-19 महामारी के प्रसार के दो वर्ष पूरे जाने के बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने बुधवार को चेतावनी दी कि यह सोचना कि संकट बीत गया, ‘बहुत बड़ी गलती’ होगी और उन्होंने इस बात को लेकर चिंता प्रकट की कि करीब तीन अरब लोग अब भी कोविड-19 के टीके की पहली खुराक की बाट जोह रहे हैं।
गुतारेस ने महामारी के दो साल पूरे होने पर अपने संदेश में कहा, ‘‘‘दो साल पहले, विश्व भर में लोगों का जीवन वायरस के कारण बदल कोविड दुनिया के कोने-कोने में तेजी से फैल गया, अर्थव्यवस्था रूक गयी, परिवहन नेटवर्क और आपूर्ति श्रृंखला ठप हो गयी, विद्यालय बंद हो गये, लोग अपने प्रियजनों से दूर हो गये और लाखों लोग गरीबी की विभीषिका में फंस गये।’’
उन्होंने कहा कि ‘‘अप्रत्याशित जन स्वास्थ्य उपायों’’ एवं असाधारण तीव्र ढंग से टीक विकसित करने एवं उन्हें लगाने से विश्व के कई हिस्से इस महामारी को नियंत्रण में ला रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन यह सोचना कि बहुत बड़ी गलती होगी कि महामारी खत्म हो गयी।’’
उन्होंने कहा कि महामारी के फैलने के बाद से पिछले दो वर्ष में कोविड-19 के 44.6 करोड़ से अधिक मामले सामने आये हैं, 60 लाख से अधिक लोगों ने जान गंवायी है, और असंख्य लोग बिगड़ते मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहे हैं।
संरा प्रमुख ने कोविड-19 के टीकों की ‘अनपयुक्त असमान’ वितरण को लेकर चिंता प्रकट की। उन्होंने कहा, ‘‘ विनिर्माता प्रतिमाह 1.5 अरब खुराक का उत्पादन कर रहे हैं लेकिन तीन अरब लोग अब भी पहली खुराक की बाट जोह रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि यह विफलता गरीब देशों के लोगों की तुलना में अमीर देशों के लोगों को प्राथमिकता देने के नीतिगत एवं बजटीय फैसले का सीधा परिणाम है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी दुनिया नैतिक रूप से कठघरे में खड़ी हो गयी है। हर देश में यह (कोविड-19 के) और स्वरूपों, और लॉकडाउन, और पीड़ा एवं बलिदान के लिए मुफीद स्थिति भी है। हमारी दुनिया कोविड-19 से दो चरणों में उबरने का खतरा नहीं ले सकती।’’
भाषा
राजकुमार माधव
माधव
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