नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने सोमवार को शहबाज शरीफ सरकार की कथित ‘लंदन प्लान’ के बारे में खुलासा किया. इमरान के मुताबिक इसका मकसद उनकी पार्टी पीटीआई को गैरकानूनी घोषित करना, उनकी पत्नी बुशरा बेगम को जेल में डालना और कुछ राजद्रोह कानून का इस्तेमाल करना है. इमरान ने कहा, ‘अगले दस साल तक इमरान खान को जेल के अंदर रखने का प्लान था.’
इमरान ने कहा, ‘शहबाज शरीफ ने पहले लंदन में पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज शरीफ के निर्देश पर एक और दिन के लिए अपने प्रवास का विस्तार करने का फैसला किया था, जब वह किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक के लिए गए थे.’
इमरान खान ने कहा, ‘फिर पीटीआई नेतृत्व और कार्यकर्ताओं के पास जो कुछ बचा है, उस पर पूरी तरह से कार्रवाई की जाएगी.’
उन्होंने अपनी पार्टी पर संभावित प्रतिबंध की तुलना तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान, अब बांग्लादेश में अवामी लीग के प्रतिबंध से की.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘वे पाकिस्तान की सबसे बड़ी और एकमात्र संघीय पार्टी पर प्रतिबंध लगा देंगे. (जैसा कि उन्होंने पूर्वी पाकिस्तान में अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाया था).’
पीटीआई प्रमुख ने यह भी आरोप लगाया कि शहबाज सरकार इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर देगी और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा देगी.
इमरान ने कहा, ‘यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया न हो, उन्होंने दो काम किए हैं, पहला जानबूझकर पीटीआई कार्यकर्ताओं पर हिंसा का आरोप लगाया. दूसरा, मीडिया पूरी तरह से नियंत्रित है और उसका मुंह बंद कर दिया गया है. और कल वे फिर से इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर देंगे और सोशल मीडिया (जो केवल आंशिक रूप से खुला है) पर प्रतिबंध लगा देंगे.’
पिछले हफ्ते उनकी गिरफ्तारी के बाद कोर कमांडर के घर में आग लगाने और हिंसा की अन्य घटनाओं में खान के खिलाफ दर्ज मामलों में खान के सोमवार को लाहौर उच्च न्यायालय में पेश होने की संभावना है.
पूर्व पीएम ने आगे आरोप लगाया कि उनके कार्यकर्ताओं के घरों को तोड़ा जा रहा है और बेशर्मी से पुलिस घरों की महिलाओं के साथ मारपीट कर रही है.
इमरान ने कहा, ‘यह लोगों में इतना डर पैदा करने का जानबूझकर किया गया प्रयास है कि कल जब वे मुझे गिरफ्तार करने आएंगे तो लोग बाहर नहीं आएंगे.’
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के बाहर होने वाले पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के विरोध प्रदर्शन के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘कल सुप्रीम कोर्ट के बाहर किया जा रहा JUIF ड्रामा केवल एक उद्देश्य के लिए है, पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश को डराने के लिए ताकि वह संविधान के अनुसार फैसला नहीं दे सकें.’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पहले ही सुप्रीम कोर्ट पर इस तरह का निर्लज्ज हमला देख चुका है जब 1997 में पीएमएलएन के गुंडों ने जज पर हमला किया था.
खान ने कहा कि वह अपने खून की आखिरी बूंद तक हक़ीक़ी आज़ादी के लिए लड़ेंगे क्योंकि उनके लिए पाकिस्तानी नागरिकों के लिए एक संदेश में बदमाशों के एक समूह द्वारा मौत को गुलाम बनाना बेहतर है.
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