नई दिल्ली: पाकिस्तान के आर्मी चीफ फील्ड मार्शल असीम मुनीर इस बात पर केंद्रित हैं कि वह “खुदा द्वारा चुने हुए पाकिस्तान के रक्षक” हैं और उनका राष्ट्रपति या राजनेता बनने का कोई इरादा नहीं है.
ब्रुसेल्स में पाकिस्तानी पत्रकार सुहैल वाराइच को दिए एक सार्वजनिक इंटरव्यू में मुनीर ने इस्लामाबाद में राजनीतिक हलचल की अफवाहों को खारिज कर दिया और कहा कि ये सब अफवाहें वे लोग फैला रहे हैं जो देश को अस्थिर करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा, “भगवान ने मुझे देश का रक्षक बनाया है. मुझे इसके अलावा किसी पद की इच्छा नहीं है. मैं एक सिपाही हूं और मेरी सबसे बड़ी इच्छा शहादत है.”
उन्होंने यह भी धमकी दी कि अगर भारत अफगानों के साथ मिलकर पाकिस्तान में “अस्थिरता पैदा करने” की कोशिश करेगा तो वह हमला करेंगे.
पाकिस्तानी फील्ड मार्शल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के शांति प्रयासों की “सच्ची सराहना” की और गर्व जताया कि ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने में पाकिस्तान ने नेतृत्व किया.
साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अमेरिका को चीन पर तरजीह नहीं देगा. “हम एक दोस्त को दूसरे के लिए कुर्बान नहीं करेंगे,” उन्होंने कहा.
आर्थिक मुद्दों पर बात करते हुए मुनीर ने एक विस्तृत रोडमैप पेश किया जिसे उन्होंने पाकिस्तान को आर्थिक संकट से बाहर निकालने और अगले पांच से दस वर्षों में दुनिया के विकसित देशों की कतार में खड़ा करने वाला बताया.
उन्होंने कहा कि अगले साल से पाकिस्तान रेको डिग (Reko Diq) खनन परियोजना से हर साल 2 अरब डॉलर का शुद्ध मुनाफा कमाना शुरू करेगा और आमदनी लगातार बढ़ती जाएगी. देश के अनछुए खजाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पास दुर्लभ खनिज भंडार हैं, जिन्हें अगर सही से इस्तेमाल किया जाए तो राष्ट्रीय कर्ज़ काफी घटाया जा सकता है और पाकिस्तान को दुनिया की सबसे समृद्ध अर्थव्यवस्थाओं में बदला जा सकता है.
इमरान खान की कैद पर बोलते हुए उन्होंने समाधान बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री का रास्ता यही है कि वह सेना से माफी मांगें और इस बात को समझाने के लिए उन्होंने इस्लामिक उदाहरणों का सहारा लिया.
उन्होंने खुद की तुलना भगवान से की और खान की तुलना शैतान से की जिसने आदम, पहले इंसान, को मानने से इनकार कर दिया था. समानता खींचते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग सच्चे मन से माफी मांगते हैं, वे फरिश्तों की तरह धर्म की राह पर चलते हैं, जबकि जो जिद पर अड़े रहते हैं, वे शैतान की तरह हठी बने रहते हैं.
ब्रुसेल्स का यह दौरा पाकिस्तान आर्मी चीफ की अमेरिका से वापसी यात्रा का हिस्सा था. दो महीने में यह उनका अमेरिका का दूसरा दौरा था, जहां भारत के खिलाफ उनके परमाणु धमकी भरे भाषण की कड़ी आलोचना हुई थी.
‘सियासी बदलाव की झूठी अफवाहें’
पाकिस्तान के आर्मी चीफ़ ने इन बातों को खारिज किया कि सेना राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री की जगह लेने की तैयारी कर रही है.
“बदलाव की अफवाहें पूरी तरह झूठी हैं.” उन्होंने कहा. “ये बातें न तो किसी सिविल और न ही मिलिट्री संस्थानों से फैलाई जा रही हैं. असल में इसके पीछे वो लोग हैं जो सरकार और राज्य, दोनों के खिलाफ हैं और राजनीतिक अराजकता पैदा करना चाहते हैं.”
उनकी यह टिप्पणी उन हफ्तों की अटकलों के बाद आई है जो सोशल मीडिया पर चल रही थीं कि राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी से इस्तीफ़ा देने के लिए कहा जा सकता है. कुछ अपुष्ट रिपोर्टों के मुताबिक ज़रदारी की शर्त यह थी कि उनके बेटे बिलावल भुट्टो-ज़रदारी को कोई राजनीतिक भूमिका मिले.
इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ और उनकी कैबिनेट की हाल की राष्ट्रीय संकटों के दौरान की गई कार्यवाही की सराहना की. इसमें ऑपरेशन सिंदूर भी शामिल था, जब भारत ने 22 अप्रैल पहलगाम आतंकी हमले का जवाब दिया था.
प्रधानमंत्री के “18-घंटे काम करने वाले दिन” को दबाव में नेतृत्व और समर्पण का उदाहरण बताते हुए ख़ास तौर पर ज़िक्र किया गया.
मुनीर ने भारत और अफ़ग़ानिस्तान दोनों पर पाकिस्तान को अस्थिर करने का आरोप लगाया.
“दशकों की हमारी मेहरबानी का बदला चुकाने के बजाय, अफ़ग़ानिस्तान भारत के साथ मिलकर साज़िश कर रहा है.” उन्होंने कहा. “अगर तालिबान के लोग पाकिस्तान में धकेले गए तो हम हर पाकिस्तानी के ख़ून का बदला लेंगे.”
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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