(अदिति खन्ना)
लंदन,10 मार्च (भाषा) लेखिका गीतांजलि श्री का उपन्यास ‘रेत समाधि’ विश्व की उन 13 पुस्तकों में शामिल है, जिसे अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के लिए संक्षिप्त सूची में शामिल किया गया है। यह हिंदी भाषा में पहला ‘फिक्शन’ है जो इस प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार की दौड़ में शामिल है।
श्री की पुस्तक का अंग्रेजी अनुवाद, ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’, डेजी रॉकवेल ने किया है और जूरी सदस्यों ने इसे शानदार और अकाट्य बताया है जो 50,000 पाउंड के लिए प्रतिस्पर्धा करेगा। पुरस्कार की राशि लेखिका और अनुवादक के बीच विभाजित की जाएगी।
जूरी सदस्यों ने इस उपन्यास के बारे में कहा कि यह पुस्तक ‘‘हमें 80 वर्षीय महिला के जीवन के हर पहलू और आश्चर्यचकित कर देने वाली अतीत में ले जाती है।’’
उन्होंने कहा कि उपन्यास का डेजी रॉकवेल का अनुवाद खब्दों के खेल से भरा हुआ है। यह एक शानदार और अप्रतिरोध्य उपन्यास है।
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से ताल्लुक रखने वाली श्री तीन उपन्यास और कई कथा संग्रह की लेखिका हैं। उनकी कृतियों का अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, सर्बियन और कोरियन भाषाओं में अनुवाद हुआ है।
दिल्ली की 64 वर्षीय लेखिका श्री की अनुवादक डेजी रॉकवेल एक पेंटर एवं लेखिका हैं जो अमेरिका में रहती हैं। उन्होंने हिंदी और उर्दू की कई साहित्यिक कृतियों का अनुवाद किया है।
यह पुस्कार अंग्रेजी में अनुदित और ब्रिटेन या आयरलैंड में प्रकाशित किसी एक पुस्तक को हर साल दिया जाता है। 2022 के पुरस्कार के लिए चयनित पुस्तक की घोषणा सात अप्रैल को लंदन बुक फेयर में और विजेता का ऐलान 26 मई को लंदन में एक समारोह में किया जाएगा।
भाषा
सुभाष उमा
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