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Thursday, 19 December, 2024
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जी-20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी बोले- ‘डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन’ तक होनी चाहिए सबकी पहुंच

पीएम ने कहा कि पिछले कुछ साल में भारत के अनुभव ने दिखता है कि यदि डिजिटल बुनियादी ढांचे को व्यापक स्तर पर सुगम बनाया जाए, तो इससे सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाया जा सकता है.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 नवंबर को जी-20 शिखर सम्मेलन में कहा कि ‘डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन’ कुछ लोगों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, इसका अधिक लाभ तभी मिल सकता है, जब इसकी पहुंच सभी तक होगी.

पीएम मोदी ने अपनी बात पर ज़ोर देते हुए कहां जी-20 के हर नेता को अगले 10 वर्षों में हर इंसान के जीवन में ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन’ लाने के लिए काम करने का संकल्प लेना चाहिए ताकि कोई भी व्यक्ति नई प्रौद्योगिकियों के लाभ से वंचित न रहे.

G-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाली से दिल्ली के लिए रवाना हो गए.

पीएम मोदी ने बताया कि भारत ने डिजिटल प्रौद्योगिकी के अनुसार किस प्रकार खुद को ढाला है. उन्होंने कहा कि देश ने ऐसे डिजिटल सार्वजनिक उत्पाद विकसित किए हैं, जिनकी बुनियादी संरचना में लोकतांत्रिक सिद्धांत अंतर्निहित हैं, साथ ही उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि अधिकतर विकासशील देशों के नागरिकों की कोई ‘’डिजिटल पहचान’ नहीं है.

पीएम ने कहा कि पिछले कुछ साल में भारत के अनुभव ने दिखता है कि यदि डिजिटल बुनियादी ढांचे को व्यापक स्तर पर सुगम बनाया जाए, तो इससे सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाया जा सकता है.

उन्होंने कहा, ‘डिजिटल समाधान जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में भी मददगार हो सकते हैं, जैसा कि हमने कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान कार्यालय में उपस्थित न होते हुए भी काम किया और कागजरहित हरित कार्यालयों जैसे उदाहरणों में इस बात को साबित होते देखा है.’

मोदी ने कहा, ‘यह हम जी-20 नेताओं की जिम्मेदारी है कि ‘डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन’ के लाभ सिर्फ कुछ लोगों तक सिमित न रहें.

पीएम मोदी ने कहा कि भारत डिजिटल पहुंच को सार्वजनिक बना रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अब भी ‘बड़ा डिजिटल अंतर’ है. उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से शासन में गति एवं पारदर्शिता आती है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिकतर विकासशील देशों के नागरिकों की कोई डिजिटल पहचान नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘केवल 50 देशों के पास डिजिटल भुगतान प्रणालियां हैं. क्या हम मिलकर यह संकल्प ले सकते हैं कि आने वाले 10 सालों में हम हर मनुष्य को डिजिटल प्रौद्योगिकी के अनुरूप ढालेंगे , ताकि कोई भी व्यक्ति इसके लाभों से वंचित न रह जाए.’

पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत अगले साल जी-20 की अपनी अध्यक्षता में इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए अपने जी-20 साझेदारों के साथ मिलकर काम करेगा.

बाली में चल रहे जी-20 के सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दोपहर के भोजन पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से बातचीत की और इस दौरान उन्होंने रक्षा, परमाणु ऊर्जा, व्यापार तथा खाद्य सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर देने की बात की.

मोदी ने ट्वीट किया, ‘हमेशा की तरह इमैनुअल मैक्रों के साथ अच्छी बातचीत हुई. हमने रक्षा, परमाणु ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने समेत विभिन्न विषयों पर गहन चर्चा की.’

मैक्रों ने ट्वीट किया कि दोनों पक्षों का शांति के लिए समान एजेंडा है और जी20 की भारत की आगामी अध्यक्षता के तहत फ्रांस इस पर काम करेगा.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि मोदी और मैक्रों ने रक्षा, असैन्य परमाणु ऊर्जा, व्यापार, निवेश और आर्थिक साझेदारी के नये क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की है.

भारत और फ्रांस के बीच क्षेत्रीय सहयोग में पिछले कुछ साल में विस्तार हुआ है. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय इस समय फ्रांस की यात्रा पर हैं.

भारत और फ्रांस की नौसेनाओं ने मार्च में अरब सागर में पांच दिन का बड़ा युद्धाभ्यास किया था. उन्होंने पिछले साल अप्रैल में भी अरब सागर में बड़ा अभ्यास किया था.


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