नई दिल्ली: जापानी मीडिया ने शुक्रवार को बताया कि नारा क्षेत्र में एक अभियान कार्यक्रम में पूर्व प्रधान मंत्री शिंजो आबे पर हमले के बाद उन्हें कोई ‘गंभीर चोट’ नहीं लगी है.
आबे पर शुक्रवार को पश्चिमी जापान के नारा शहर में एक अज्ञात व्यक्ति ने हमला कर दिया जिसके बाद वो जमीन पर गिर गए थे. स्थानीय मीडिया की खबरों के मुताबिक आसपास के क्षेत्र में गोलियों की आवाज सुनाई दी थी. हालांकि पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार कर लिया है.
शिंजो के गोली मारे जाने की खबर सुनकर दुनियाभर के प्रतिनिधियों ने दुख व्यक्त किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘मेरे प्रिय मित्र अबे शिंजो पर हुए हमले से बहुत व्यथित हूं। हमारे विचार और प्रार्थनाएं उनके, उनके परिवार और जापान के लोगों के साथ हैं.’
वहीं व्हाइट हाउस ने भी बयान जारी कर इस घटना पर दुख जताया है. अपने बयान में उन्होंने लिखा है, जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के ख़िलाफ़ हिंसक हमले के बारे में सुनकर हम स्तब्ध और दुखी हैं. हम रिपोर्ट की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं. हमारे विचार उनके परिवार और जापान के लोगों के साथ हैं.’
#WATCH | Ex-Japanese PM Shinzo Abe shot during a speech in Nara city. Fire Dept says he's showing no vital signs, is in cardiopulmonary arrest & scheduled to be transferred by medevac to Nara Medical University. Shooter nabbed.
Aerial visuals from Nara City.
(Source: Reuters) pic.twitter.com/OSVxn48fyD
— ANI (@ANI) July 8, 2022
जापान के नेशनल ब्रॉडकास्टर एनएचके ने बताया कि 40 साल के एक व्यक्ति को हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया गया है और पुलिस सूत्रों का हवाला देते हुए उसने कहा कि हमलावर के पास से एक बंदूक जब्त की गई है.
जापान की प्रमुख समाचार एजेंसी क्योडो न्यूज ने स्थानीय अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया कि पीएम आबे बेहोश हो गए थे और उनमें कोई गंभीर चोट के लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं.
आबे पर भाषण देने के दौरान पीछे से एक व्यक्ति ने हमला कर दिया था.
एनएचके की शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, शिंजो आबे को संभवतः सीने में गोली मारी गई होगी थी. घटना की जगह पर मौजूद एक स्थानीय रिपोर्टर ने कुछ ऐसा सुना जो बंदूक की गोली की तरह लग रहा था. मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि रिपोर्टर ने अबे को खून बहते हुए भी देखा था.
बता दें कि अबे शिंजो, 2006-07 से और फिर 2012-20 तक दो बार जापान के प्रधानमंत्री रहे हैं और 2021 में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने इस पद से खुद को मुक्त कर लिया था.
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