नई दिल्ली : तीन दिवसीय यात्रा पर बीजिंग पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की. चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मिलने से पहले जयशंकर ने चीनी उपराष्ट्रपति वांग क्विशान से उनके आवासीय परिसर में मुलाकात की थी. जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद भारत-पाक संबंध में काफी तनाव हो गया था. इस मुद्दे पर चीन ने कहा कि कश्मीर मुद्दे का समाधान द्विपक्षीय तरीके से होना चाहिए. विदेश मंत्री बनने के बाद जयशंकर का यह पहला चीनी दौरा है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात के बाद कहा, ‘कैलाश मानसरोवर यात्रा के विस्तार के लिए चीन की ओर कुछ सुझाव दिए गए थे, हम इस पहल की तहे दिल से सराहना करते हैं.’
External Affairs Minister Subrahmanyam Jaishankar after meeting with Foreign Affairs Minister of China, Wang Yi in Beijing: Some suggestions were made today by the Chinese side to expand the Kailash Mansarovar Yatra, we are deeply appreciative of those initiatives. pic.twitter.com/XusVW9TCsX
— ANI (@ANI) August 12, 2019
एस जयशंकर ने कहा कि हम चीन के साथ लोगों के संबंधों को और मजबूत करने के लिए 100 कार्यक्रम को आयोजित करने पर भी सहमत हुए हैं. आज शाम हम संयुक्त रूप से एक फिल्म सप्ताह का उद्घाटन करेंगे, हमने अभी चार एमओयू पर काम पूरा किया है.
EAM Subrahmanyam Jaishankar: We have also agreed to organise 100 activities to further strengthen our people-to-people ties. We will be jointly inaugurating a film week, later this evening, marking a commencement of these activities. We have just now concluded 4 MoUs. https://t.co/3FSt0LFWbR
— ANI (@ANI) August 12, 2019
जयशंकर का स्वागत करते हुए उपराष्ट्रपति वांग ने कहा, ‘मुझे यह भी पता है कि आप चीन में सबसे लंबे समय तक रहने वाले भारतीय राजदूत हैं और आपने हमारे दोनों देशों के संबंधों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.’ उन्होंने उम्मीद जताई कि यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को और आगे बढ़ाएगी.
जयशंकर की यात्रा से पहले उनके पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी ने चीनी नेतृत्व के साथ कश्मीर मुद्दे को उठाने के लिए बीजिंग का दौरा किया था और इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने के लिए उनका समर्थन मांगा था.
चीन ने हाल ही में अनुच्छेद 370 को रद्द करने के भारत सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई थी, जिसके जवाब में भारत ने एक बयान जारी कर कहा था कि यह कदम भारत का आंतरिक मामला था. भारत ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करते हुए उसे दो केंद्रशासित क्षेत्रों में बांट दिया है.