नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर के मार्च के पहले हफ्ते में यूके और आयरलैंड की संभावित यात्रा के दौरान वे एक नया वाणिज्य दूतावास खोलने, आर्थिक सहयोग बढ़ाने और एक संयुक्त आर्थिक आयोग बनाने जैसे कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे.
इस मामले से परिचित लोगों के अनुसार, जयशंकर उत्तरी आयरलैंड के बेलफास्ट में एक नया भारतीय वाणिज्य दूतावास खोलने वाले हैं. वर्तमान में भारत का यूके में लंदन स्थित उच्चायोग के अलावा बर्मिंघम और एडिनबर्ग में वाणिज्य दूतावास हैं. बेलफास्ट में अब तक भारत का एक मानद काउंसल रहा है.
पिछले नवंबर में ब्राजील के शहर रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूके में बेलफास्ट और मैनचेस्टर में दो नए वाणिज्य दूतावास खोलने की घोषणा की थी.
जयशंकर की यात्रा से कुछ दिन पहले ही भारत और यूके ने मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर वार्ता को फिर से शुरू करने की घोषणा की है, जो पिछले वर्ष आम चुनावों के कारण स्थगित थी. पिछले जुलाई में लेबर पार्टी और कीर स्टार्मर की सरकार बनने से पहले लगभग 14 वर्षों तक कंजरवेटिव पार्टी सत्ता में थी.
भारत और यूके के बीच मुक्त व्यापार समझौते की वार्ता 2022 में पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की भारत यात्रा के दौरान शुरू हुई थी. प्रारंभिक चरण में कई अध्यायों पर सहमति बन गई थी, लेकिन कुछ मुद्दों के कारण समझौते को अंतिम रूप देने में देरी हुई. भारतीय बाजार में ऑटोमोबाइल, प्रीमियम शराब और मोबिलिटी से जुड़े प्रावधान प्रमुख बाधाओं में शामिल रहे.
वित्तीय वर्ष 2023-2024 में भारत और यूके के बीच व्यापार 21.33 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें भारत को लगभग 4.5 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष रहा. ब्रेक्जिट के बाद वैश्विक व्यापार संबंधों को पुनः संतुलित करने की कोशिशों के बीच यूके के लिए भारत एक महत्वपूर्ण व्यापार भागीदार बन गया है.
इसके अलावा, लंदन अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद उभरी अतिरिक्त चुनौतियों का सामना कर रहा है. अमेरिका और यूके के बीच विंस्टन चर्चिल द्वारा परिभाषित “विशेष संबंध” रहे हैं, जिसमें प्रथम विश्व युद्ध से लेकर वार ऑन टेरर तक कई युद्धों में वे साझेदार रहे हैं. हालांकि, ट्रंप प्रशासन के शुरुआती महीनों में ही नीतिगत बदलाव देखे गए हैं, जिसमें यूक्रेन युद्ध सहित कई वैश्विक मुद्दों पर पश्चिमी गठबंधन से हटकर नई रणनीति अपनाई जा रही है.
यूके यात्रा के अलावा, जयशंकर आयरलैंड की भी अपनी पहली आधिकारिक यात्रा करेंगे. आयरलैंड, जो यूरोपीय संघ (EU) का सदस्य देश है, हाल के वर्षों में भारतीय छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण शिक्षा केंद्र के रूप में उभरा है.
आयरिश विदेश मंत्री के साथ वार्ता
जयशंकर के डबलिन में कम से कम एक दिन रुकने की संभावना है. यह किसी भारतीय अधिकारी की पहली उच्चस्तरीय यात्रा होगी, जो प्रधानमंत्री मोदी की 2015 में आयरलैंड यात्रा के बाद हो रही है. आयरिश सरकार हर साल सेंट पैट्रिक डे समारोह के लिए एक मंत्रीस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भारत भेजती रही है, हालांकि कोविड-19 महामारी के दौरान यह परंपरा कुछ समय के लिए रुकी थी.
मामले से जुड़े लोगों ने दिप्रिंट को बताया कि जयशंकर की इस यात्रा के दौरान भारत और आयरलैंड के बीच एक संयुक्त आर्थिक आयोग की स्थापना की संभावना है. वह आयरलैंड के उप प्रधानमंत्री (Tánaiste) और विदेश मंत्री साइमन हैरिस के साथ एक घंटे की बैठक करेंगे और नए प्रधानमंत्री मिहाल मार्टिन से भी मुलाकात करेंगे.
भारत और आयरलैंड के बीच संयुक्त आर्थिक आयोग की खबर दिप्रिंट ने पिछले साल सबसे पहले दी थी. इस आयोग को दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.
जयशंकर ने 21 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका में जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान हैरिस से मुलाकात की थी. भारत और आयरलैंड के बीच वस्तुओं का व्यापार लगातार बढ़ रहा है, जो 2019-2020 में 1.1 अरब डॉलर था और 2023-2024 में बढ़कर 6.38 अरब डॉलर तक पहुंच गया.
हालांकि, व्यापार का संतुलन आयरलैंड के पक्ष में है. 2023-2024 में भारत ने आयरलैंड से 5.68 अरब डॉलर का आयात किया, जबकि निर्यात केवल 702 मिलियन डॉलर का हुआ. कई भारतीय कंपनियों ने आयरलैंड में अपने कार्यालय खोले हैं, जिनमें रिलायंस, क्रॉम्पटन ग्रीव्स, शापूरजी पालोनजी, विप्रो, इन्फोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) शामिल हैं.
आयरलैंड भारतीय छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण शैक्षिक केंद्र बन गया है, जहां लगभग 12,000 भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. यूरोपीय संघ (EU) में जर्मनी के बाद सबसे ज्यादा भारतीय छात्र आयरलैंड में ही हैं.
आयरलैंड में भारतीय समुदाय की संख्या लगभग 80,000 है, जिसमें से लगभग आधे प्रवासी भारतीय हैं, जबकि 30,000 भारतीय मूल के लोग (PIO) हैं.
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