नई दिल्ली: इस साल गेहूं का उत्पादन लगभग 30 लाख टन कम होने के अनुमान है. इसमें कहा जा रहा है कि गेहूं की कीमत में इजाफा हो सकता है. इसी बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि चाहे उन्हें कपड़े क्यों ना बेचने पड़ें वो आटे की कीमत नहीं बढ़ने देंगे.
खैबर पख्तूनख्वा के शांगला जिले की बिशम तहसील में पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) की एक रैली को संबोधित करते हुए शरीफ ने प्रांत में आटे की कीमतें कम करने का संकल्प लिया है. शरीफ ने कहा कि वह अच्छी तरह से जानते हैं कि यहां आटे की कीमतों को कैसे कम किया जाए. पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार शरीफ ने प्रांतीय सरकार को अपने खर्च पर आटे की कीमतों में कमी करने का निर्देश दिया.
डॉन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने शनिवार को कहा था कि 28.89 मिलियन टन के लक्ष्य के मुकाबले गेहूं का उत्पादन 26.173 मिलियन टन होने का अनुमान है, जबकि खपत लगभग 30.79 मिलियन टन होगी.
इस कमी के पीछे का कारण गेहूं की खेती के लिए क्षेत्र में कमी, पानी-उर्वरक की कमी और समर्थन मूल्य की घोषणा में देरी है. इसके साथ ही तेल की कीमतों में बढ़ोतरी और सामान्य से पहले हीटवेव का चलना है.
इन सब मुद्दों की वजह से उत्पादन में 2 प्रतिशत की कमी आई है. रूस-यूक्रेन युद्ध ने भी पाकिस्तान में गेहूं की भारी कमी पैदा कर दी है.
शरीफ ने पाकिस्तान की उनसे पहले की इमरान खान सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि नागरिकों को मौलिक अधिकार देने वाली योजनाओं के बजाए देशद्रोहियों और वफादारों के प्रमाण पत्र बांटे जा रहे हैं.
इमरान की रैली
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को कहा कि अपनी वफादारी को ‘बेचने’ वाले सांसदों को ‘जेल में डाल देना’ चाहिए.
एबटाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बातें कहीं.
जनसभा की सुरक्षा के लिए 700 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. जनसभा में केपी सीएम महमूद खान और कार्यवाहक राज्यपाल मुश्ताक गनी भी शामिल हैं.
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