(ललित के झा)
वाशिंगटन, 12 अप्रैल (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत रूस से जितना तेल एक महीने में खरीदता है, संभवत: उतना तेल तो यूरोपीय देश उससे एक दोपहर तक खरीद लेते हैं।
रूस से भारत की तेल खरीद के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में जयशंकर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ आपने तेल खरीद का उल्लेख किया और आप रूस से ऊर्जा खरीद की बात कर रहे हैं…मैं आपको सुझाव दूंगा कि आप यूरोप पर ध्यान दें । हम ईधन सहित कुछ ऊर्जा खरीद करते हैं जो हमारी ऊर्जा सुरक्षा के लिये जरूरी है। लेकिन अगर आंकड़ों पर गौर करें तब संभवत: हमारी एक महीने की (रूसी तेल की) खरीद यूरोप की एक दोपहर की खरीद से कम है।’’
भारत और अमेरिका के बीच सोमवार को चौथी ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में अमेरिका का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने तथा भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया।
जयशंकर ने कहा कि भारत ने भारतीय संसद, संयुक्त राष्ट्र एवं अन्य मंचों पर कई बयान (रूस-यूक्रेन युद्ध पर) दिये हैं जिसमें उसका रूख स्पष्ट हुआ है।
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ संक्षेप में कहें तब उनमें यह स्पष्ट है कि हम संघर्ष के खिलाफ हैं। हम बातचीत एवं कूटनीति के पक्ष में है। हम हिंसा को तत्काल समाप्त करने के पक्षधर हैं और इन उद्देश्यों के लिये जो भी रास्ते हों, उनमें योगदान करने के लिये हम तैयार हैं । ’’
वहीं, व्हाइट हाउस ने भी भारत की तेल खरीद का बचाव करते हुए कहा कि (रूस से) उसकी तेल खरीद कुल खरीद का एक या दो प्रतिशत है जबकि अमेरिका से 10 प्रतिशत है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी से संवाददाताओं ने पूछा था कि क्या अमेरिका के राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री मोदी से रूस से तेल खरीद को बढ़ावा नहीं देने के बारे में कोई प्रतिबद्धता प्राप्त हुई ?
उन्होंने कहा कि इस बारे में प्रधानमंत्री मोदी और भारतीयों को कहने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि फिलहाल यह तेल खरीद (रूस से) 1 से 2 प्रतिशत है, वे (भारत) अमेरिका से 10 प्रतिशत तेल का आयात करते हैं ।
उन्होंने कहा कि यह किसी प्रतिबंध का उल्लंघन या उसकी तर्ज पर कुछ नहीं है।
बातचीत के संबंध में साकी ने कहा कि यह रचनात्मक रही और सीधा संवाद हुआ लेकिन वह चाहती हैं कि वे (भारतीय) अपनी बात खुद रखें।
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शिखर बैठक में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका तेल के आयात के विविधिकरण में भारत की मदद करेगा ।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने कहा कि अमेरिका से (भारत का) तेल आयात पहले ही अधिक है और यह रूस से तेल आयात की तुलना में काफी ज्यादा है ।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने स्पष्ट तौर पर बताया कि इसे बढ़ाना उनके (भारत के) हित में नहीं है, लेकिन इससे आगे भारतीयों को अपनी बात कहनी है।
साकी ने कहा कि तेल आयात करके भारत किसी प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं कर रहा है । यह निर्णय हमने अमेरिका के लिये किया लेकिन हम मानते हैं कि विभिन्न देशों के अपने गणित होते हैं ।
उन्होंने यूक्रेन में भारत के प्रयासों की सराहना की । उन्होंने कहा कि भारत ने बुचा में नागरिकों की हत्या की निंदा की और स्वतंत्र जांच का समर्थन किया, साथ ही यूक्रेन एवं उसके पड़ोसी देशों को दवाएं सहित 90 टन राहत सामग्री उपलब्ध करायी।
भाषा दीपक दीपक मनीषा
मनीषा
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.