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Saturday, 20 April, 2024
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फवाद चौधरी ने पाकिस्तानी पत्रकारों को क्यों किराए का ‘आदमी बताया’

चौधरी ने जान को 'किराए का आदमी' बताया, जब उनसे और पूर्व मंत्री असद उमर से फराह खान के कथित भ्रष्टाचार के मामले में सवाल पूछे जा रहे थे.

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नई दिल्ली: इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) एक बार फिर से मीडिया से उलझ गई जब पूर्व आईबी मंत्री फवाद चौधरी और पत्रकार मतिउल्लाह जान के बीच इस्लामाबाद में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के बाहर झड़प हो गई.

चौधरी ने जान को ‘किराए का आदमी’ बताया, जब उनसे और पूर्व मंत्री असद उमर से फराह खान के कथित भ्रष्टाचार के मामले में सवाल पूछे जा रहे थे. फराह खान प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी की खास दोस्त हैं. वहीं जान ने प्रतिक्रिया देते हुए चौधरी को ‘किराए का ट्टू’ कहा.

पाकिस्तान फेडरल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट (पीएफयूजे) ने इस घटना को शर्मनाक बताया और चौधरी से माफी की मांग की है और साथ ही ये धमकी भी दी है कि अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो बड़े स्तर पर प्रदर्शन किए जाएंगे. प्रेस एसोसिएशन ऑफ द सुप्रीम कोर्ट ने भी इस घटना की निंदा की और कहा कि जान के खिलाफ लगाए गए आरोप ‘निराधार’ हैं.

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पाकिस्तान के कई लोग चौधरी के समर्थन में आए हैं तो कई जान के समर्थन में बोले हैं.

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पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर के उस फैसले की वैधानिकता पर सुनवाई कर रही है जिसके तहत इमरान खान के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया था.


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कौन हैं फराह खान

सुप्रीम कोर्ट के बाहर हुई मीडिया ब्रीफिंग में पीटीआई के नेताओं से मांग की गई थी कि वे फराह खान को लेकर आ रही रिपोर्ट्स और उनके परिवार के देश छोड़ने पर कुछ कहें. खान का बिरकिन बैग भी इन दिनों चर्चा का विषय रहीं, जब उनकी एक फोटो वायरल हुई थी.

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (पीएमएल-एन) की नेता रोमिना खुर्शीद आलम ने खान को बुशरा बीबी के लिए ‘फ्रंटवुमेन’ बताया और आरोप लगाया कि उनके बिरकिन बैग की कीमत 90 हजार डॉलर है.

खान पर 6 बिलियन पाकिस्तानी रूपयों के भ्रष्टाचार का आरोप है जो उन्होंने सराकरी अधिकारियों की पोस्टिंग के लिए कथित तौर पर लिए थे.


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पाकिस्तानी मीडिया ने क्या कहा

पाकिस्तान के कई पत्रकारों ने चौधरी के बयान पर निशाना साधा है और मतिउल्लाह जान का समर्थन किया है.

हामिद मीर ने कहा कि चौधरी ने पाकिस्तान के पत्रकारों को हल्के में ले लिया है.

द पाकिस्तान डेली के संपादक और संस्थापक हमज़ा अज़हर सालम ने जान को ‘पत्रकारों का गर्व’ बताया.

नायला इनायत ने फवाद चौधरी का एक स्क्रीनशॉट साझा किया जिसमें वे मीडिया ब्रीफिंग के दौरान गुस्से में नज़र आ रहे हैं.

हालांकि पेशावर के पत्रकार मुहम्मद फाहीम ने कहा कि जान के द्वारा सही तरह से प्रोटोकॉल्स का पालन नहीं किया गया और उन्होंने जान पर चौधरी को उकसाने का आरोप भी लगाया.


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पाकिस्तानी लोगों ने क्या कहा

सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के सभी लोग पत्रकारों का समर्थन नहीं कर रहे हैं.

एक ट्विटर यूज़र सलमान ने कहा, ‘पीएफयूजे राष्ट्रीय स्तर पर क्यों नहीं फ्री स्पीच और संविधान को बचाने के लिए प्रदर्शन कर रही है. वो किस बात का इंतज़ार कर रहे हैं?’

एक और ट्विटर यूज़र जुनैद रहीम ने पत्रकारों को पाकिस्तान का ‘हिपोक्रेटिकल क्लास‘ बताया. वहीं कई लोगों ने फवाद चौधरी का समर्थन किया कि उन्होंने पत्रकारों को असलियत दिखा दी.

वहीं समां टीवी के एक क्लिप पर प्रतिक्रिया देते हुए लोगों ने कहा, ‘यही पत्रकारिता है.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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