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Saturday, 11 May, 2024
होमविदेशडोनाल्ड ट्रंप ने प्रदर्शनकारियों को कहा 'डोमेस्टिक टेरर', सेना उतारने की दी धमकी

डोनाल्ड ट्रंप ने प्रदर्शनकारियों को कहा ‘डोमेस्टिक टेरर’, सेना उतारने की दी धमकी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हिंसक प्रदर्शन नहीं रुकने पर सेना तैनात करने की धमकी दी है वहीं जॉर्ज फ्लॉयड और उनके परिवार को न्याय दिलाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध होने का आश्वासन भी दिया है.

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नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हिंसक प्रदर्शन नहीं रुकने पर सेना तैनात करने की धमकी दी है. पिछले तीन दिनों से अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस कस्टडी में हुई मौत के बाद अमेरिका के कई शहरों में हिंसा भड़की हुई है. प्रदर्शनकारियों ने व्हाइट हाउस तक पर पहुंचकर प्रदर्शन किया है.

प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को घुटने तक पर ला दिया है. अमेरिका में चल रही इस हिंसा पर काबू पाने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सड़कों पर सेना को उतारने का फैसला किया है. यही नहीं ट्रंप शहरों में हो रही हिंसा के लिए गवर्नरों को भी जिम्मेदार ठहराया है और उन्हों कमजोर बताया है. साथ ही उन्होंने गवर्नरों से दंगाइयों पर सख्त कार्रवाई की मांग की नहीं तो स्थिति को काबू में करने के लिए सेना उतारने की बात कही है.

ट्रंप ने आगे कहा, ‘ हम हर किसी को चेतावनी दे रहे हैं, 7 बजे का कर्फ्यू सख्ती से लागू किया जाएगा. जो लोग निर्दोष लोगों पर अत्याचार करेंगे और संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा, हिरासत में लिया जाएगा और कानूनी कार्रवाई करते हुए उनपर मुकदमा भी चलाया जाएगा.’

यही नहीं ट्रम्प ने हर गवर्नर को नेशनल गार्ड को पर्याप्त संख्या में तैनात करने की सिफारिश की जो सड़कों पर हो रही हिंसा को नियंत्रित करें. यही नहीं उन्होंने गवर्नर और राज्यपालों को एक व्यापक कानून के साथ उपस्थिति स्थापित करने की बात कही जिससे की हिंसा को शांत किया जा सके.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोमवार को कहा कि जॉर्ज फ्लॉयड की क्रूर मौत से सभी अमेरिकी के बीमार होने की बात पता चलती है.  हालांकि उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि  उनका प्रशासन जॉर्ज और उनके परिवार को न्याय दिलाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.

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रोज़ गार्डन में दिए अपने भाषण में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा ,राष्ट्रपति के तौर पर मेरा पहला और सर्वोच्च कर्तव्य हमारे महान देश और अमेरिकी लोगों की सुरक्षा और बचाव करना है.’ उन्होंने आगे कहा कि जब मैंने देश के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी तो मैंने यही शपथ ली थी.

ट्रंप ने प्रदर्शनकारियों को घरेलू आतंकी करार दिया है. उन्होंने कहा कि यह हरकत कोई शांति से प्रदर्शन करने जैसी नहीं है बल्कि इस हरकत को ‘डोमेस्टिक टेरर’ कह सकते हैं.


यह भी पढ़ें :जॉर्ज फ्लॉयड हत्या मामले से भड़का अमरीका से यूरोप तक गुस्सा, व्हाइट हाउस पर प्रदर्शनकारियों पर छोड़े गए आंसू गैस के गोले


200 साल पुरानी सेंट जॉन चर्च पहुंचे 

हिंसा के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस के पास 200 साल पुराने सेंट जॉन्स एपिस्कोपल चर्च का भी दौरा किया. बता दें कि यह वही चर्च है, जहां पुलिस से झड़प के बाद प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी थी. रोज गार्डन में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा,’ हमारा देश दुनिया के महान देशों में से एक है और हमें इसे सुरक्षित रखना है.’


वहीं हिंसा रोक पाने में अधिकारियों के विफल रहने के बाद न्यूयॉर्क सिटी में सोमवार देर रात कर्फ्यू लगा दिया गया. देश के अन्य शहरों की तरह न्यूयॉर्क में भी रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू रहेगा.

इस बीच कर्फ्यू लागू करने के दौरान गोली चलाने वाले लुइसविले पुलिस प्रमुख को बर्खास्त कर दिया गया जब मेयर को पता चला कि गोलीबारी में शामिल अधिकारी हिंसा के दौरान बॉडी कैमरा (वर्दी पर पहने जाना वाला कैमरा) चालू करने में विफल रहे.

इस गोलीबारी में एक प्रसिद्ध बार्बेक्यू स्थल के मालिक की मौत हो गई थी.

पुलिस बर्बरता के खिलाफ प्रदर्शन

बता दें कि पिछले तीन दिनों से अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस कस्टडी में हुई मौत के बाद अमेरिका धधक रहा है. अमेरिका के 40 शहरों में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. सोमवार को विरोध प्रदर्शनों के तीसरे दिन पुलिस के साथ तनाव बढ़ने के बाद प्रदर्शनकारियों ने व्हाइट हाउस के पास आगजनी की कई घटनाओं को अंजाम दिया. जिसके बाद पुलिस ने उनपर आंसू गैस के गोले दागे.

 पुलिस बर्बरता को खत्म करने की अपील के बीच अमेरिका के कई हिस्सों में रविवार को एक बार फिर हिंसा भड़क गई.

प्रदर्शनकारी बोस्टन से लेकर सैन फ्रांसिस्को तक सड़कों पर उतर आए.लोगों ने फिलाडेल्फिया और कैलिफोर्निया के सांता मोनिका में दिन-दहाड़े दुकानों को लूट लिया. मिनेपोलिस में, एक टैंकर ट्रक शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही भी़ड़ के बीच घुस आया हालांकि किसी भी प्रदर्शनकारी को चोट नहीं आई.

फ्लॉयड की गर्दन पर कई मिनट तक घुटने से दबाव बनाने वाले अधिकारी पर हत्या के आरोप लगे हैं लेकिन प्रदर्शनकारियों की मांग है कि मौके पर मौजूद अन्य तीन अधिकारियों पर भी मुकदमा चलना चाहिए . इस बीच चारों अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है.

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