लंदन: ब्रिटिश सांसदों की एक प्रभावशाली संसदीय समिति ने कोरोनावायरस लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा में बेतहाशा इजाफा के मद्देनजर सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है.
हाउस ऑफ कॉमंस की गृह विभाग से संबंधित समिति ने पाया कि परमार्थ संगठन रिफ्यूजी की घरेलू हिंसा हेल्पलाइन पर 15 अप्रैल के बाद उससे पहले के औसत की तुलना में 49 फीसदी अधिक कॉल आईं.
समिति की अध्यक्ष येवेट कूपर ने कहा, ‘कोरोनावायरस को फैलने से रोकने और जिंदगियां बचाने के लिए घरों में रहना महत्वपूर्ण है लेकिन कुछ लोगों के लिए घर सुरक्षित नहीं है. पीड़ितों को बचाने के लिए तथा गुनहगारों को घरेलू हिंसा करने के लिए लॉकडाउन का फायदा उठाने से रोकने के लिए तत्काल कदम की जरूरत है.’
लेबर पार्टी की सांसद ने कहा, ‘घरेलू हिंसा में वृद्धि पहले से चिंता के संकेत है. हमारी सर्वदलीय समिति सरकार से कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष के समेकित अंग के तहत घरेलू हिंसा से निपटने के लिए व्यावहारिक कदम के वास्ते तत्काल कार्ययोजना की मांग कर रही है.’
समिति ने लॉकडाउन और उसके बाद भी घरेलू हिंसा पर समग्र सरकारी रणनीति की मांग की. उस रणनीति में जागरूकता, रोकथाम, पीड़िता सहयोग, आवास एवं आपराधिक न्याय कार्रवाई आदि हो.
हाल ही में ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने ‘यू आर नॉट एलोन’ हैशटैग से एक जन अभियान शुरू किया था और लोगों से घरेलू हिंसा के विरुद्ध आवाज उठाने की अपील की थी.
समिति ने इस कदम का स्वागत किया लेकिन कहा कि सरकार को और कुछ करने की जरूरत है.