नई दिल्ली: पांच देशों के समूह ब्रिक्स में नए सदस्यों के चयन में सर्वसम्मति बनाने में भारत ने अहम भूमिका निभाई है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सम्मेलन में भाग लेने के लिए जोहान्सबर्ग गए हैं.
इस दौरान ब्रिक्स सम्मेलन में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘‘जोहान्सबर्ग जैसे खूबसूरत शहर में एक बार फिर आना मेरे और मेरे प्रतिनिधिमंडल के लिए खुशी की बात है. इस शहर का भारतीयों और भारतीय इतिहास से गहरा और पुराना रिश्ता है.’’
लगभग दो दशकों में ब्रिक्स ने एक लंबी और शानदार यात्रा तय की है. इस यात्रा में हमने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे करीबी सहयोग को और व्यापक बनाने के लिए मैं कुछ सुझाव देना चाहूंगा. हम ब्रिक्स सेटेलाइट कांस्टेलेशन पर पहले से काम कर रहे हैं. एक कदम आगे बढ़ाते हुए हम ब्रिक्स स्पेस एक्सप्लोरेशन कंसर्वेशन बनाने पर विचार कर सकते हैं.’’
पीएम ने कहा, ‘‘यहां से थोड़ी सी दूरी पर ही Tolstoy फॉर्म है, जिसका निर्माण महात्मा गांधी ने 110 वर्ष पहले किया था. भारत, यूरेशिया और अफ्रीका के महान विचारों को जोड़ कर हमारी एकता और आपसी सौहार्द की एक नींव रखी थी.’’
मोदी ने इस दौरान कहा कि इसके अंतर्गत हम स्पेस रिसर्च, वेदर मॉनिटरिंग जैसे क्षेत्रों में ग्लोबल गुड्स के लिए काम कर सकते हैं. ‘‘विविधता भारत की बहुत बड़ी ताकत है. भारत में किसी भी समस्या का हल इस विविधता की कसौटी से निकल कर आता है. इसलिए ये सॉल्यूशन विश्व के किसी भी कोने में आसानी से लागू हो सकते हैं.’’
पीएम ने कहा कि ब्रिक्स को भविष्य के लिए तैयार संगठन बनाने के लिए हमें अपने संबंधित समाजों को भी भविष्य के लिए तैयार करना होगा और प्रौद्योगिकी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
उन्होंने कहा, ‘‘एक-दूसरे की ताकतों की पहचान करने के लिए हम मिलकर स्किल मैपिंग कर सकते हैं. इसके जरिए से विकास यात्रा में हम एक-दूसरे के पूरक बन सकते हैं. इस संदर्भ में भारत में विकसित सभी प्लेटफॉर्म को ब्रिक्स पार्टनर्स के साझा करने में मुझे खुशी होगी.’’
‘‘हम दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में वैश्विक दक्षिण के देशों ब्रिक्स में विशेष महत्व दिया गया है हम इसका स्वागत करते हैं. भारत ने भी G20 की अध्यक्षता में इस विषय को महत्व दिया है.’’
बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ब्रिक्स के वार्षिक शिखर सम्मेलन में शमिल होने के लिए यहां नहीं आए हैं.
अगले साल 15वां ब्रिक्स सम्मेलन रूस में होगा. पुतिन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहा, हमारी अध्यक्षता में हमारे निम्नलिखित आदर्श वाक्य होंगे- वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना; हमारी योजना लगभग 200 राजनीतिक, आर्थिक और सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करने की है. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन अक्टूबर 2024 में कज़ान शहर में होने वाला है.
ब्रिक्स पांच विकासशील देशों का समूह है जो विश्व की 41 प्रतिशत आबादी, 24 प्रतिशत वैश्विक जीडीपी और 16 प्रतिशत वैश्विक कारोबार का प्रतिनिधित्व करता है. सूत्रों ने बताया कि भारत ने ब्रिक्स में सदस्यता मानदंडों पर सर्वसम्मति बनाने तथा नए सदस्यों के चुनाव में अहम भूमिका निभाई है.
क्वात्रा ने कहा था कि 23 देशों ने ब्रिक्स में शामिल होने के लिए अर्जियां दी हैं. ईरान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और अर्जेंटीना समूह की सदस्यता के लिए मजबूत दावेदार के तौर पर उभरे हैं.
इससे पहले, पीएम नरेंद्र मोदी ने जोहान्सबर्ग में राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के साथ सार्थक बैठक की थी. उन्होंने व्यापारिक संबंधों, सुरक्षा को बढ़ावा देने जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भारत-दक्षिण अफ्रीका साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा की थी.
सम्मेलन में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा, मैं भारत को बधाई देना चाहता हूं, खासकर जब आप अंतरिक्ष में सहयोग की आवश्यकता के बारे में बोलते हैं, तो कुछ ही घंटों में भारत का अंतरिक्ष यान चंद्रयान-3 चंद्रमा पर उतरेगा. हम आपको बधाई देते हैं. ब्रिक्स परिवार के रूप में यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है और हम आपके साथ खुश हैं. हम इस महान उपलब्धि की खुशी में आपके साथ हैं.
मोदी ने कहा, ‘‘भारत ब्रिक्स के विस्तार का पूरा समर्थन करता है, हम इस पर आम सहमति के साथ आगे बढ़ने का स्वागत करते हैं.’’
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