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जकार्ता (इंडोनेशिया), 29 मई (भाषा) इंडोनेशिया की नेशनल मैंडेट पार्टी (पीएएन) के नेताओं ने भारत के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए बृहस्पतिवार को भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से कहा कि ‘‘आतंकवाद फैलाने के लिए धर्म और जाति को आधार नहीं बनाया जा सकता’’।
भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने इंडोनेशिया में मित्र देशों के स्थानीय राजदूतों से मुलाकात की। मित्र देशों के राजनयिकों ने सभी रूपों में आतंकवाद की कड़ी निंदा की और इस खतरे का मुकाबला करने के लिए एकजुट वैश्विक प्रयासों की तत्काल आवश्यकता को दोहराया।
जनता दल (यू) के सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल, आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के बारे में नयी दिल्ली के स्पष्ट रुख से स्थानीय नेताओं और राजनयिकों, थिंक टैंक और मीडिया को अवगत कराने के मिशन के साथ यहां आया है।
प्रतिनिधिमंडल ने नेशनल मैंडेट पार्टी (पीएएन) के नेताओं से मुलाकात की। इन नेताओं में पीएएन के उपाध्यक्ष एवं इंडोनेशियाई पीपुल्स असेंबली के उपाध्यक्ष एडी सोपर्नो, पार्टी के उपाध्यक्ष एवं ट्रांसमाइग्रेशन रिपब्लिक ऑफ इंडोनेशिया के उपमंत्री विवा योग मौलादी और पीएएन के अन्य नेता और सांसद शामिल थे।
जकार्ता में भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारतीय सांसदों ने आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने के भारत के रुख पर विचार साझा किए।’’
पोस्ट में यह भी कहा गया, ‘‘पीएएन पार्टी नेतृत्व ने भारत के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले के पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की। पीएएन नेताओं ने बताया कि वे भारत के साथ एकजुट खड़े हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि आतंकवाद फैलाने के लिए धर्म और जाति को आधार नहीं बनाया जा सकता।’’
बैठक में पीएएन से शामिल होने वाले सांसदों में डेसी रत्नसारी, फराह पुत्री नाहलिया, ओक्टा कुमाला देवी, डॉ. ड्राजाद विबोवो, स्लैमेट अरियादी और ए. बाकरी भी शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल ने इंडोनेशिया में मित्र देशों के स्थानीय राजनयिकों के साथ भी बातचीत की और ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत की संतुलित और मजबूत जवाबी कार्रवाई पर अपने विचार साझा किए।
झा ने इस बातचीत को ‘महत्वपूर्ण संवाद’ करार देते हुए बैठक के बाद ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि राजदूतों ने ‘‘आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा की, इस खतरे का मुकाबला करने और क्षेत्रीय शांति और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने के लिए एकजुट वैश्विक प्रयासों की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया।’’
भारतीय दल ने इंडोनेशिया स्थित थिंक टैंक और शिक्षाविदों, और शोधकर्ताओं के साथ एक व्यावहारिक बातचीत भी की तथा शांति एवं क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए सीमा पार आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने का एक मजबूत और एकीकृत संदेश दिया।
भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में कहा कि भारतीय दल ने आतंकवाद के ‘‘खतरे से निपटने के लिए संयुक्त रूप से तरीके तलाशने की मांग की।’’
इससे पहले, बुधवार को प्रतिनिधिमंडल ने इंडोनेशिया के विदेश मामलों के उपमंत्री आरिफ हवास ओग्रोसेनो और आसियान महासचिव काओ किम होर्न से मुलाकात की।
भारतीय दल ने अंतर-संसदीय सहयोग समिति के उपाध्यक्ष मुहम्मद हुसैन फदलुल्लाह और इंडोनेशिया-भारत संसदीय मैत्री समूह के अध्यक्ष मुहम्मद रोफिकी से भी बातचीत की तथा उन्हें आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत प्रतिबद्धता से अवगत कराया।
झा के अलावा, प्रतिनिधिमंडल में सांसद अपराजिता सारंगी (भाजपा), अभिषेक बनर्जी (तृणमूल कांग्रेस), बृज लाल (भाजपा), जॉन ब्रिटास (माकपा), प्रदान बरुआ (भाजपा), हेमांग जोशी (भाजपा), पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और फ्रांस एवं बहरीन में भारत के पूर्व राजदूत मोहन कुमार शामिल हैं।
यह प्रतिनिधिमंडल उन सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक है, जिन्हें भारत ने 33 वैश्विक राजधानियों का दौरा करने का काम सौंपा है, ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक पहुंच बनाई जा सके और आतंकवाद के साथ पाकिस्तान के संबंधों पर जोर दिया जा सके।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच उस वक्त तनाव बढ़ गया था, जब भारत ने छह मई की देर रात को पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचों पर सटीक हमले किए।
पाकिस्तान ने आठ, नौ और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की, जिसका भारतीय पक्ष ने कड़ा जवाब दिया।
दस मई को दोनों पक्षों के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच बातचीत के बाद सैन्य कार्रवाई रोकने की सहमति के साथ संघर्ष समाप्त हो गया।
भाषा सुरेश दिलीप
दिलीप
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