नई दिल्ली: मंगलवार को डेनमार्क में पीएम मोदी ने कहा कि भारत, यूक्रेन में तत्काल संघर्ष विराम चाहता है, जबकि उनके समकक्ष मेट फ्रेडरिकसेन ने उम्मीद जताई कि युद्ध रोकने के लिए भारत, रूस को प्रभावित करेगा.
मोदी ने भारत के लंबे समय से चले आ रहे रुख को दोहराया कि रूस और यूक्रेन को संकट को हल करने के लिए ‘वार्ता और कूटनीति’ के रास्ते पर चलना चाहिए.
मोदी ने मंगलवार को अपने यूरोप दौरे के दूसरे दिन डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेट फ्रेडरिकसेन से मुलाकात की. उन्होंने सोमवार को बर्लिन में जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज़ से मुलाकात की थी और हाल ही में चुने गए फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ बातचीत के बाद कल अपनी यात्रा समाप्त करेंगे.
फ्रेडरिकसेन ने कहा कि दोनों देशों ने नागरिकों के खिलाफ किए गए भयानक अपराधों के परिणामों और यूक्रेन में गंभीर मानवीय संकट पर चर्चा की. उन्होंने कहा, ‘बुचा में नागरिकों की हत्याओं पर रिपोर्ट बहुत चौंकाने वाली है. हमने इन हत्याओं की निंदा की है और हम एक स्वतंत्र जांच की आवश्यकता पर जोर देते हैं.’
उन्होंने कहा कि डेनमार्क और पूरे यूरोपीय संघ ने रूस के ‘यूक्रेन पर गैर-कानूनी और बिना उकसावे के आक्रमण’ की कड़ी निंदा की है. मेरा संदेश बहुत स्पष्ट है – पुतिन को इस युद्ध को रोकना होगा और हत्याओं को बंद करना होगा. मुझे उम्मीद है कि भारत इस चर्चा में रूस पर प्रभाव डालेगा.
व्यापार के मोर्चे पर, दोनों नेताओं ने ‘हरित रणनीतिक साझेदारी’ की संयुक्त कार्य योजना की समीक्षा की.
मोदी ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि विभिन्न क्षेत्रों में, विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य, बंदरगाह, शिपिंग, सर्कुलर इकॉनमी और जल प्रबंधन में, महत्वपूर्ण विकास हुए हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘डेनमार्क की 200 से अधिक कंपनियां भारत में विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं. इन कंपनियों को भारत में कारोबार करने में आसानी और आर्थिक सुधारों से फायदा हो रहा है.
उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत जल्द ही पूरी हो जाएगी. फ्रेडरिकसेन ने कहा, ‘हम कई मूल्यों को साझा करते हैं. हम दो लोकतांत्रिक राष्ट्र हैं. हम दोनों एक नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय प्रणाली में विश्वास करते हैं. इस तरह के समय में, हमें अपने बीच एक और भी मजबूत रिश्ते बनाने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा, ‘डेनमार्क और भारत हमारी हरित रणनीतिक साझेदारी को ठोस परिणामों में बदलने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. भारत सरकार की हरित संक्रमण के लिए उच्च महत्वाकांक्षाएं हैं. मुझे गर्व है कि डेनिश समाधान इन महत्वपूर्ण महत्वाकांक्षाओं को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
फ्रेडरिकसेन ने उम्मीद जताई कि बुधवार को चर्चा जारी रहेगी जब मोदी भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन, 2022 के लिए अन्य नॉर्डिक देशों के नेताओं से मिलेंगे.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि कौशल विकास, जलवायु और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में व्यापक सहयोग पर प्रतिनिधिमंडल स्तर की चर्चा हुई.
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