scorecardresearch
Friday, 15 November, 2024
होमविदेशधार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग के बयान को मोदी सरकार ने भ्रामक बताया

धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग के बयान को मोदी सरकार ने भ्रामक बताया

यूएससीआईआरएफ आयुक्त अरुणिमा भार्गव ने भी कहा कि दिल्ली में 'नृशंस एवं अनियंत्रित हिंसा' के खिलाफ सरकार को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए.

Text Size:

नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने मीडिया में दिल्ली में हिंसा की हालिया घटनाओं पर यूएससीआईआरएफ के बयान को तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक बताया है. विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने के उद्देश्य से दिखाया गया है.

 

यूएससीआईआरएफ ने नयी दिल्ली में हिंसा की निंदा की

अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मामलों संबंधी अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने नयी दिल्ली में हिंसा पर चिंता जताते हुए भारत सरकार से अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कार्रवाई करने की अपील की है.

यूएससीआईआरएफ के अध्यक्ष टोनी पर्किंस ने बुधवार दोपहर को जारी एक बयान में कहा, ‘हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि वह भीड़ हिंसा का शिकार बने मुसलमानों और अन्य समूहों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कारगर प्रयास करे.’ नयी दिल्ली में सीएए के खिलाफ हिंसा में कम से कम 27 लोग मारे गए हैं और 200 से अधिक लोग घायल हो गए हैं.

पर्किंस ने कहा, ‘दिल्ली में जारी हिंसा और मुसलमानों, उनके घरों एवं दुकानों और उनके धार्मिक स्थलों पर कथित हमलों के मामले व्यथित करने वाले हैं. अपने नागरिकों की रक्षा करना किसी भी जिम्मेदार सरकार के सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्यों में से एक है, भले ही वे (नागरिक) किसी भी धर्म के हों.’

यूएससीआईआरएफ आयुक्त अरुणिमा भार्गव ने भी कहा कि दिल्ली में ‘नृशंस एवं अनियंत्रित हिंसा’ के खिलाफ सरकार को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए.

‘भारत यात्रा के दौरान नयी दिल्ली में हिंसा के संबंध में उनका बयान ‘नेतृत्व की नाकामी’ है’

अमेरिकी सांसदों के भारत की राजधानी नयी दिल्ली में हिंसा पर तीखी प्रतिक्रिया करने के एक दिन बाद डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बर्नी सैंडर्स ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर मानवाधिकारों के मुद्दे पर नाकाम रहने का आरोप लगाया.

अमेरिकी राष्ट्रपति की आलोचना करते हुए सैंडर्स ने कहा कि ट्रम्प की भारत यात्रा के दौरान नयी दिल्ली में हिंसा के संबंध में उनका बयान ‘नेतृत्व की नाकामी’ है. भारत की यात्रा के दौरान हिंसा की घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था, ‘जहां तक व्यक्तिगत हमलों का सवाल है तो मैंने इसके बारे में सुना लेकिन उनके (मोदी) साथ चर्चा नहीं की. यह भारत का मामला है.’

इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया करते हुए सैंडर्स ने बुधवार को ट्वीट किया, ’20 करोड़ से अधिक मुसलमान भारत को अपना घर कहते हैं. व्यापक पैमाने पर मुस्लिम विरोधी भीड़ की हिंसा में कम से कम 27 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए. ट्रम्प ने यह कहकर जवाब दिया कि ‘यह भारत का मामला है.’ यह मानवाधिकारों पर नेतृत्व की नाकामी है.’

भारत की दो दिवसीय यात्रा और भव्य स्वागत से अभिभूत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि भारत महान है और उनकी व्यस्त यात्रा अत्यंत सफल रही.

सैंडर्स संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हिंसा के खिलाफ बोलने वाली सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन के बाद डेमोक्रेटिक पद के दूसरे प्रत्याशी हैं. डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के अलावा अन्य प्रभावशाली सीनेटरों ने भी बुधवार को घटनाक्रमों पर चिंता जताई.

डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद मार्क वार्नर और जीओपी के जॉन कोर्निन ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘हम नयी दिल्ली में हालिया हिंसा से चिंतित हैं. हम अपने महत्वपूर्ण दीर्घकालिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए चिंता के अहम मुद्दों पर मुक्त संवाद का समर्थन करते रहेंगे.’ इससे पहले अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग ने भारत सरकार से अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध किया.

share & View comments