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शनिवार, 24 मई, 2025
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भारतीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का जापान दौरा संपन्न, तोक्यो ने आतंकवाद से निपटने में समर्थन जताया

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तोक्यो, 24 मई (भाषा) भारतीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने जापान के राजनीतिक नेतृत्व, नीति निर्माताओं, मीडिया और भारतीय समुदाय के साथ व्यापक चर्चा के बाद शनिवार को अपनी यात्रा संपन्न की और कहा कि वे आतंकवाद के खिलाफ नयी दिल्ली की लड़ाई में टोक्यो के स्पष्ट समर्थन से बहुत उत्साहित हैं।

जद(यू) के राज्यसभा सदस्य संजय कुमार झा के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल उन सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक है, जिन्हें भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक अपना संदेश पहुंचाने के लिए कई देशों का दौरा करने की जिम्मेदारी सौंपी है। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे।

प्रतिनिधिमंडल ने जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया, पूर्व प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा, राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के अध्यक्ष ताकाशी एंडो और प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष फुकुशिरो नुकागा से मुलाकात की।

झा ने कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने जापान-भारत संसदीय मैत्री लीग के सदस्यों के साथ भी सार्थक चर्चा की।

उन्होंने कहा, ‘‘हर मंच पर, हमने आतंकवाद पर भारत की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति को दृढ़ता से दोहराया और पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को लगातार संरक्षण दिए जाने को उजागर किया।’’

झा ने कहा, ‘‘हम जापान के स्पष्ट समर्थन से बहुत उत्साहित हैं।’’

तीन दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन, प्रतिनिधिमंडल ने यहां तामा समाधि स्थल का दौरा किया और स्वतंत्रता सेनानी रास बिहारी बोस को उनकी जयंती की पूर्व संध्या पर श्रद्धांजलि दी।

इस बीच, प्रतिनिधिमंडल में शामिल तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने आतंकवाद की तुलना एक खतरनाक पागल कुत्ते से करते हुए पाकिस्तान पर उसे प्रोत्साहन देने का आरोप लगाया और दुनिया से इससे निपटने के लिए एकजुट होने का आह्नान किया।

सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख को उजागर करने और पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए जापान आए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल बनर्जी ने कहा, ‘‘हम यहां सच्चाई बताने आए हैं- भारत झुकना नहीं जानता।’’

तोक्यो में एक जोशीले भाषण के दौरान उन्होंने कहा, ‘‘हम डर के आगे नहीं झुकेंगे। हमने ऐसी भाषा में जवाब देना सीख लिया है, जिसे वे अच्छे से समझते हैं।’’

पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने छह मई को देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे पर सटीक हमले किए, जिसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया।

भारतीय पक्ष ने पाकिस्तानी कार्रवाइयों का कड़ा जवाब दिया। दोनों पक्षों के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच 10 मई को बातचीत के बाद सैन्य संघर्ष को रोकने पर सहमति बनी।

बनर्जी ने कहा कि पहलगाम हमले के पीछे ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) का हाथ था, जो लश्कर-ए-तैयबा का एक छद्म संगठन है, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूहों की सूची में शामिल है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तान ने किस तरह जल्दबाजी में लश्कर को सूची से अलग करने का प्रयास किया। इसके अलावा, हवाई हमलों के बाद सार्वजनिक हुई तस्वीरों में पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी हमलों में मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल होते हुए दिखाई दिए।’’

उन्होंने प्रवासी भारतीयों को देश की सबसे बड़ी संपदा करार देते हुए कहा, ‘‘आपकी रगों में भारत है। मैं चाहता हूं कि आप देश के सबसे बड़े प्रचारक बनें, आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत के संदेश के समर्थक बनें।’’

भाषा शफीक दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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