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Sunday, 6 October, 2024
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दलीप सिंह ने अपने भारतीय समकक्षों के साथ रचनात्मक बातचीत की: व्हाइट हाउस

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(ललित के. झा)

वाशिंगटन, एक अप्रैल (भाषा) अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के शीर्ष सलाहकार दलीप सिंह ने अपने भारतीय समकक्षों के साथ रचनात्मक बातचीत की है। व्हाइट हाउस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

सिंह, यूक्रेन पर हमले के विरोध में रूस पर दंडात्मक प्रतिबंध लगाने के बाइडन प्रशासन के प्रयासों का नेतृत्व कर रहे हैं। वह, यूक्रेन के खिलाफ रूस के ‘‘अनुचित युद्ध’’ के परिणामों और ‘इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क’ के संबंध में गहन चर्चा करने के लिए 30 और 31 मार्च को भारत यात्रा पर गए थे।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केट बेडिंगफील्ड ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र से जुड़े मामलों के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह ने अपने समकक्षों के साथ सार्थक बातचीत की। मुझे पता है कि बातचीत रचनात्मक थी।’’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक अन्य संवाददाता सम्मेलन में रूसी विदेश मंत्री की भारत यात्रा के संबंध में किए एक सवाल के जवाब में कहा कि प्रत्येक देश के रूस के साथ अपने संबंध हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘विभिन्न देशों के रूसी संघ के साथ अपने संबंध हैं। यह एक ऐतिहासिक और भौगोलिक तथ्य है। हम इसको बदलने के लिए काम नहीं कर रहे हैं। हम भारत या दुनिया भर के अन्य भागीदारों तथा सहयोगियों के संदर्भ में, यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय एकजुट होकर आवाज उठाए।’’

प्राइस ने कहा, ‘‘इस अनुचित, अकारण, पूर्व नियोजित आक्रामकता के खिलाफ आवाज उठाना, हिंसा को खत्म करने का आह्वान करना, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत सहित अन्य देशों के साथ काम करना है। ऐसे देश भी हैं, जिनके रूसी संघ के साथ लंबे समय से संबंध हैं और ऐसे में उनसे हमारे करीबी देशों की तुलना में अधिक फायदा मिल सकता है।’’

उन्होंने हालांकि भारत और रूस के बीच रुपया-रूबल व्यापार पर सवाल का सीधा जवाब देने से परहेज किया।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं चाहूंगा कि रुपया-रूबल व्यापार के संबंध में सवाल हमारे भारतीय समकक्षों से किये जाएं। जहां तक क्वाड की बात है, तो क्वाड के मूल सिद्धांतों में से एक स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत सुनिश्चित करना है। यह विशिष्ट तौर पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए है। हालांकि, ये ऐसे सिद्धांत और विचार हैं जो किसी भी भौगोलिक क्षेत्र में लागू होते हैं।’’

भाषा निहारिका सुरेश

सुरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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