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Monday, 6 May, 2024
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संकट संचार जीवन बचाता है – लेकिन विकलांग लोगों को अक्सर सूचना नहीं दी जाती

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(एरिएला मेल्टज़र, सामाजिक प्रभाव में रिसर्च फेलो यूएनएसडब्ल्यू सिडनी)

सिडनी, 15 अप्रैल (द कन्वरसेशन) एक महामारी, जंगल की आग या बाढ़ में, लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली सुरक्षा और संकट की जानकारी की आवश्यकता होती है। आपातकालीन संदेश तुरंत मिलने से लोगों को यह जानने में मदद मिल सकती है कि कैसे तैयारी करनी है, किन नियमों का पालन करना है, कहां खतरे हैं, कहां सुरक्षित रूप से इकट्ठा होना है और मदद कब मिलने वाली है।

जीवन बचाने की यह सुविधा हर किसी के लिए मौजूद है – जिसमें विकलांगता वाले लोग भी शामिल हैं, जो विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन से प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि संकट की जानकारी सुलभ हो और इसका अर्थ सभी के लिए स्पष्ट हो।

फिर भी, विकलांगता शाही आयोग और अधिवक्ताओं का कहना है कि हाल के संकटों के दौरान विकलांग लोगों को पर्याप्त संपूर्ण, समय पर और अद्यतन, सुलभ जानकारी प्रदान नहीं की गई है।

उदाहरण के लिए, सरकार की ओर से कोविड के शुरुआती खतरों के बारे में सुलभ जानकारी मानक जानकारी के साथ-साथ उपलब्ध नहीं कराई गई थी और इसमें विभिन्न प्रकार की पर्याप्त सुलभ जानकारी शामिल नहीं थी।

जलवायु परिवर्तन के कारण चरम मौसम की घटनाएं अधिक सामान्य और अधिक तीव्र हो रही हैं, हमने 17 सुलभ सूचना प्रदाता संगठनों से पूछा कि विकलांग लोगों के लिए सुलभ संकट संचार में क्या सुधार हो सकता है।

सुलभ जानकारी क्या है?

सुलभ जानकारी कई प्रकारों में आ सकती है, जिनमें ऑस्लान, कैप्शन, ईज़ी रीड और ईज़ी इंग्लिश (जो चित्रों के साथ-साथ सरल भाषा का उपयोग करते हैं) और ब्रेल शामिल हैं।

विशिष्ट प्रारूपों से परे, जानकारी तब पहुंच योग्य होती है जब वह: • – विशिष्ट लोगों के लिए बनाई गई हो

-• उनकी तकनीकी आवश्यकताओं से मेल खाती हो • – विकलांग लोगों के साथ सह-डिज़ाइन किया गया हो और उपयोगकर्ता द्वारा परीक्षण किया गया हो •

-उन लोगों को ढूंढना और उन तक यह जानकारी पहुंचाना आसान हो जिन्हें इसकी आवश्यकता है •

-सटीक और व्यावहारिक

• -अद्यतन, सटीक और सत्यापित

• -मानवीय सोच के साथ प्रस्तुत किया गया हो।

जानकारी को सुलभ कौन बनाता है?

प्रदाता संगठनों का एक छोटा समूह है जो जानकारी को सुलभ बनाता है। कुछ विशेषज्ञ पहुंच वाले व्यवसाय हैं और अन्य विकलांगता वकालत संगठन हैं। वे आम तौर पर सरकार, परिषदों, सामुदायिक संगठनों और निजी व्यवसायों जैसे कमीशनिंग निकायों से भुगतान के साथ व्यक्तिगत सुलभ उत्पादों को विकसित करने के लिए एक परियोजना से दूसरी परियोजना पर काम करते हैं।

यह महत्वपूर्ण कार्य है, फिर भी इसकी टुकड़ों में बंटी प्रकृति का मतलब है कि परियोजनाओं के बीच सूचना पहुंच वाले व्यवसायों का निर्माण और विस्तार करना कठिन है। यह सुनिश्चित करना भी कठिन है कि विकलांगता से ग्रस्त लोगों को जो कुछ जानने की आवश्यकता है, उसे कवर करने के लिए सुलभ जानकारी उपलब्ध हो, इसे अद्यतन रखना और यह सुनिश्चित करना तो दूर की बात है कि यह सर्वोत्तम अभ्यास स्थितियों के तहत तैयार की गई है।

संकट के समय ये चुनौतियाँ और भी गंभीर हो जाती हैं। यदि संकट की सुलभ जानकारी सटीक, पूर्ण, अद्यतित और उच्च गुणवत्ता वाली नहीं है, तो जंगल की आग, बाढ़ या महामारी में विकलांग लोगों के लिए जीवन और मृत्यु के परिणाम हो सकते हैं।

उदाहरण के लिए, उन्हें किसी तरह की अनियंत्रित आग या महामारी सुरक्षा नियमों के बारे में शायद जानकारी नहीं मिल पाए।

सुलभ संकट सूचना को बेहतर बनाने के चार तरीके सुलभ सूचना प्रदाता संगठनों ने हमें चार बातें बताईं जो मदद कर सकती हैं:

1. सूचना का प्रत्यक्ष स्रोत

किसी संकट में लगातार बदलते विवरणों को ध्यान में रखना सुलभ सूचना प्रदाता संगठनों के लिए कठिन होता है। सुलभ प्रारूपों में ‘‘अनुवाद’’ करने के लिए सही जानकारी का प्रत्यक्ष स्रोत (जैसे सरकार या आपातकालीन सेवा संपर्क) होने से मदद मिलेगी।

2. विषय वस्तु विशेषज्ञ

सुलभ सूचना प्रदाता संगठन शैली और पहुंच के विशेषज्ञ हैं – संकट के नहीं। सटीकता की जांच के लिए विषय वस्तु विशेषज्ञों (जैसे डॉक्टर या आपातकालीन सेवा कर्मी) के समर्थन की आवश्यकता है।

3. किसी संकट की प्रतीक्षा न करना

उच्च गुणवत्ता वाली, सुलभ जानकारी बनाने में समय, पैसा और कुशल कर्मचारी लगते हैं। आवश्यक कार्यस्थल, पेशेवर शिक्षा और मानव संसाधन की स्थिति सुनिश्चित करना एक दीर्घकालिक कार्य है। किसी संकट से बहुत पहले से ही सुलभ सूचना प्रदाता संगठनों के लिए पर्याप्त संसाधन महत्वपूर्ण है।

4. कुशल एजेंसियां

संकट की सभी जानकारी प्रदाता संगठनों द्वारा उपलब्ध नहीं करायी जा सकती। कभी-कभी संकट की जानकारी – जैसे निकासी आदेश या आग लगने की सूचना – तुरंत उपलब्ध कराने की आवश्यकता होती है। आपातकालीन सेवाओं को यह जानकारी स्वयं बनाने के लिए अधिक गहन आधारभूत पहुंच कौशल की आवश्यकता होती है।

नए नियम और संसाधन मदद कर सकते हैं

सुलभ जानकारी के उत्पादन की आवश्यकता वाले स्पष्ट और अधिक व्यापक राष्ट्रीय कानून से विकलांग लोगों को संकट के समय में सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक जानकारी मिलेगी। ऐसे कानूनों में उन सभी स्थितियों को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया जाना चाहिए जिनमें सुलभ जानकारी (संकट सहित), विचार किए जाने वाले प्रारूप और आवश्यक मानक प्रदान किए जाने चाहिए।

इस कानून को कैसे बनाया जाए, इसके लिए अलग-अलग विकल्प हैं। अपनी अंतिम रिपोर्ट में, विकलांगता शाही आयोग ने कहा कि सूचना पहुंच को नए विकलांगता अधिकार अधिनियम में शामिल किया जाना चाहिए। हमारी रिपोर्ट से पता चलता है कि आपातकालीन प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों के शासी कानून में सूचना पहुंच आवश्यकताओं को भी स्पष्ट रूप से और लगातार शामिल किया जाना चाहिए।

सुलभ सूचना प्रदाता संगठनों के पास मौसम संबंधी आपात स्थितियों और सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदाओं के दौरान विस्तार की क्षमता के साथ विश्वसनीय, चालू वित्त पोषण (न केवल परियोजना दर परियोजना भुगतान) होना चाहिए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कार्यबल और प्रणालियां जरूरत पड़ने पर कार्यप्रवाह को तेजी से विस्तारित करने और विकलांग लोगों तक तेजी से संदेश पहुंचाने के लिए मौजूद हैं।

और मीडिया संगठनों से लेकर डिजाइनरों, व्यवसायों और सेवा प्रदाताओं तक सभी को इसमें शामिल होने की जरूरत है। जितने अधिक लोग सुलभ जानकारी को प्राथमिकता देंगे, विकलांगता से ग्रस्त लोग संकट में उतने ही सुरक्षित रह सकते हैं।

द कन्वरसेशन एकता एकता

एकता

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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