(हरिंदर मिश्रा)
यरूशलम, 30 जनवरी (भाषा) इजराइल की साइबर टेक कंपनी एनएसओ समूह ने कुछ भी गलत करने से इनकार किया है। कंपनी ने अन्य देशों द्वारा निगरानी प्रौद्योगिकी से लेकर सैन्य हथियार प्रणालियां बेचे जाने की तुलना करते हुए एनएसओ द्वारा पेगासस स्पाईवेयर को गैर-लोकतांत्रिक देशों को बेचने के लिये उसकी हो रही आलोचना को ‘पाखंड’ करार दिया।
इजराइल का यह बयान देश में सहित वैश्विक स्तर पर इस सॉफ्टवेयर (पेगासस) का दुरूपयोग किये जाने के बढ़ते आरोपों के बीच आया है।
आलोचनाओं से बेपरवाह एनएसओ समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) शालेव हुलियो ने शनिवार को इजराइली चैनल 12 को दिये एक साक्षात्कार में कंपनी की गतिविधियों का पुरजोर बचाव किया। हालांकि, उन्होंने यह स्वीकार भी किया कि पिछले कुछ वर्षों में ‘गलतियां’ हुई होंगी।
यह पूछे जाने पर कि इतनी अधिक विश्वव्यापी आलोचना के बीच क्या वह ऐसा कर सकते हैं, हुलियो ने कहा, ‘‘मैं रात को बिल्कुल चैन से सोता हूं।’’
हुलियो का यह साक्षात्कार अमेरिकी समाचार पत्र ‘न्यूयार्क टाइम्स’ की शुक्रवार की एक खबर में यह दावा किये जाने के एक दिन बाद आया है, जिसमें कहा गया है कि भारत ने इजराइल के साथ 2017 में हुए दो अरब डॉलर के एक रक्षा सौदे के तहत पेगासस सॉफ्टवेयर खरीदा था। यह खबर प्रकाशित होने के बाद, भारत में विवाद पैदा हो गया क्योंकि विपक्ष ने सरकार पर अवैध जासूसी में संलिप्त रहने का आरोप लगाया और इसे देशद्रोह करार दिया।
हुलियो ने कंपनी के रुख का बचाव करते हुए कहा, ‘‘सिर्फ एक देश नहीं है जिसे हमने बेचा है…। इसलिए यह कहना पाखंडपूर्ण है कि एफ-35 और ड्रोन बेचना ठीक है लेकिन खुफिया सूचना एकत्र करने वाला उपकरण बेचना ठीक नहीं है। ’’
उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि लगभग सभी 90 ग्राहक, जो उनके पास प्रौद्योगिकी के लिए आए, उनमें से सिर्फ 40 को निर्धारित नियमों के अनुसार बिक्री की गई।
अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय द्वारा पिछले साल नवंबर में कंपनी को काली सूची में डाले जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह एक ‘आक्रोश’ है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस सूची को शीघ्र हटा लिया जाएगा।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारी प्रौद्योगिकी ने पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका के हितों व राष्ट्रीय सुरक्षा में भी मदद की है। ’’
अमेरिकी विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के उलट काम करने को लेकर पिछले साल नवंबर में एनएसओ समूह और इसकी विवादास्पद पेगासस प्रौद्योगिकी को अमेरिका के वाणिज्य मंत्रालय ने काली सूची में डाल दिया था।
हुलियो ने साक्षात्कार में इस बात से भी इनकार किया कि पेगासस का इस्तेमाल फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के फोन को हैक करने में किया गया था। उन्होंने कंपनी के उत्पादों का इस्तांबुल में सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या से संबंध होने से भी इनकार किया।
यह पूछे जाने पर कि क्या एनएसओ समूह ने अपनी स्थापना के बाद से गलतियां की हैं, उन्होंने कहा, ‘‘12 साल की अवधि में यह असंभव है कि आप गलती नहीं करें।’’ हालांकि, उन्होंने उनका ब्योरा नहीं दिया।
भाषा
सुभाष दिलीप
दिलीप
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