नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी ने अडियाला जेल में अपने पति के लिए सुरक्षा की मांग करते हुए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (IHC) का दरवाजा खटखटाया है. बीबी ने कहा कि उन्हें डर है कि इमरान खान को “जहर” दिया जा सकता है.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान को सरकार में रहने के दौरान मिले गिफ्ट्स के बारे में ठीक से जानकारी नहीं देने में विफल रहने के कारण 5 अगस्त को तोशाखाना मामले में दोषी पाए जाने के बाद जेल भेज दिया गया था.
बुशरा बीबी ने सोमवार को IHC में एक याचिका दायर की, जिसका प्रतिनिधित्व उनके वकील लतीफ़ खोसा ने किया. उन्होंने जेल में अपने पति की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने विशेष रूप से चिंता व्यक्त की कि खाने में छेड़छाड़ के जरिए इमरान खान को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा सकती है.
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उनके पति को जेल मैनुअल में उल्लिखित सुविधाएं नहीं मिल रही हैं.
पिछले उदाहरणों को ध्यान में रखते हुए जहां अन्य कैदियों को घर का बना भोजन जैसे कुछ विशेषाधिकार प्रदान किए गए थे, उन्होंने कहा कि उनके पति को ऐसे विशेषाधिकारों से वंचित कर दिया गया है.
उन्होंने आगे तर्क दिया कि यह व्यवहार अमानवीय है और संविधान के अनुच्छेद 9 और 14 का उल्लंघन है.
बुशरा ने अपनी याचिका में IHC से हस्तक्षेप करने और अदियाला जेल में उसके पति को उचित सुविधाएं प्रदान करने के संबंध में अदालत के आदेशों को लागू करने को सुनिश्चित करने का आग्रह किया.
उन्होंने अदालत से पूर्व प्रधानमंत्री को स्वस्थ भोजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार चिकित्सा अधिकारी को निर्देश देने का अनुरोध किया.
इसके अलावा, उन्होंने अदालत से खान को व्यायाम करने और बाहर सैर करने देने के लिए आदेश देने के लिए कहा है.
अटक जिला जेल से उन्हें ट्रांसफर न करने के उनके हालिया अनुरोध के बावजूद इमरान खान को मंगलवार को अदियाला जेल में ट्रांसफर कर दिया गया है.
इससे पहले सूत्रों के मुताबिक, जेल में सुनवाई के दौरान इमरान ने जज जुल्करनैन के सामने अपना बयान पेश करते हुए कहा था कि वह अदियाला जेल में ट्रांसफर नहीं होना चाहते क्योंकि वह अब अटॉक जेल में हैं. उन्होंने आगे कहा कि वह अपने वकीलों से ट्रांसफर आवेदन वापस लेने के लिए कहेंगे.
जेल मैनुअल के मुताबिक, खान को जेल में टीवी, अखबार, नौकर, एक गद्दा, एक कुर्सी और एक मेज जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जानी थीं.
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