वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने कहा है कि चीनी सरकार की तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा का वारिस चुनने की प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘ हमारा मानना है कि चीन की सरकार की तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा का वारिस चुनने की प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए.’
प्राइस ने कहा, ‘ 25 साल से अधिक समय पहले पंचेन लामा के उत्तराधिकार की प्रक्रिया में बीजिंग का हस्तक्षेप,जिसमें पंचेन लामा को बचपन में ‘गायब’ करना और फिर ‘पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ (पीआरएस) सरकार द्वारा चुने गए उत्तराधिकारी को उनका स्थान देने का प्रयास करना धार्मिक स्वतंत्रता के घोर उल्लंघन को दर्शाता है. ’
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिसम्बर में एक कानून पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें तिब्बत में वाणिज्य दूतावास स्थापित करने और एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाने की बात की गई है, ताकि यह सुनिश्चत किया जा सके कि अगले दलाई लामा केवल तिब्बती बौद्ध समुदाय द्वारा चुने जाए और इसमें चीन का कोई हस्तक्षेप नहीं हो.
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