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Wednesday, 24 April, 2024
होमविदेशनरवणे के बयान पर चीन की प्रतिक्रिया, कहा- 'आशा है कि 'संबद्ध लोग' 'गैर-रचनात्मक टिप्पणी' करने से बचेंगे'

नरवणे के बयान पर चीन की प्रतिक्रिया, कहा- ‘आशा है कि ‘संबद्ध लोग’ ‘गैर-रचनात्मक टिप्पणी’ करने से बचेंगे’

सैन्य और कूटनीतिक वार्ताओं के परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों ने पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर क्षेत्र सहित गोगरा इलाके से भी सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी की थी.

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बीजिंग: चीन ने गुरुवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि भारत में ‘संबद्ध लोग’ ‘गैर-रचनात्मक टिप्पणियां’ करने से परहेज करेंगे. बीजिंग की यह टिप्पणी थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे की उस टिप्पणी के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि पूर्वी लद्दाख में खतरा ‘किसी भी तरह से कम नहीं हुआ है’, भारतीय सेना ‘दृढ़ता’ और ‘साहसिक’ तरीके से चीनी सेना से निपटना जारी रखेगी.

नरवणे पिछले 20 महीने से जारी सीमा गतिरोध का जिक्र कर रहे थे जिसकी वजह से दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव पैदा हुआ है.

जनरल नरवणे ने सेना दिवस (15 जनवरी) से पहले बुधवार को यह भी कहा था कि युद्ध या संघर्ष हमेशा ‘अंतिम उपाय’ होता है लेकिन अगर इसे भारत पर थोपा जाता है तो देश विजयी होगा.

उनकी टिप्पणी उस दिन आई जब भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध को हल करने के लिए कोर कमांडर स्तर की 14 वें दौर की वार्ता की.

जनरल नरवणे की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘अब चीन और भारत सीमा तनाव को कम करने के लिए राजनयिक, सैन्य चैनल के माध्यम से संपर्क और बातचीत कर रहे हैं.

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पश्चिमी मीडिया के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष के संबद्ध लोग गैर-रचनात्मक टिप्पणी करने से परहेज करेंगे.’

कोर कमांडर स्तर की वार्ता के बारे में वांग ने कहा, ‘कमांडर स्तर की 14वीं बैठक के संबंध में, अगर कोई जानकारी हुई तो हम जानकारी जारी करेंगे.’

हालांकि, नई दिल्ली में सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बुधवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चुशूल-मोल्दो सीमा बिंदु पर चीन के साथ हुई 14वें दौर की सैन्य वार्ता के दौरान भारत ने देपसांग बुलगे और डेमचोक में मुद्दों के समाधान सहित पूर्वी लद्दाख में तनाव के सभी शेष बिंदुओं से सैनिकों को जल्द से जल्द हटाने की बात पर जोर दिया.

इससे पहले, 13वें दौर की वार्ता 10 अक्टूबर को हुई थी जिसमें कोई नतीजा नहीं निकला था.

भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई, 2020 को शुरू हुआ था. इसके बाद, दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों के साथ-साथ वहां भारी अस्त्र-शस्त्रों की भी तैनाती कर दी.

सैन्य और कूटनीतिक वार्ताओं के परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों ने पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर क्षेत्र सहित गोगरा इलाके से भी सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी की थी.

वर्तमान में संवेदनशील क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों पक्षों में से प्रत्येक ने लगभग 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात कर रखे हैं.


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