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Wednesday, 10 September, 2025
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चीन बुधवार को सैन्य परेड में पहली बार अपने आधुनिक हथियारों को प्रदर्शित करेगा

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(के जे एम वर्मा)

बीजिंग, दो सितंबर (भाषा) चीन अपनी बढ़ती कूटनीतिक और सैन्य ताकत का प्रदर्शन करने के लिए बुधवार को देश की अब तक की सबसे बड़ी सैन्य परेड का आयोजन करेगा जिसमें उसके आधुनिक लड़ाकू विमान, मिसाइल और नवीनतम इलेक्ट्रॉनिक युद्ध हार्डवेयर शामिल होंगे। इस परेड के 26 विदेशी नेता भी गवाह बनेंगे।

द्वितीय विश्वयुद्ध में ‘जापान के आक्रमण’ के खिलाफ मिली जीत की 80वीं सालगिरह मनाने के लिए आयोजित इस परेड में सैकड़ों सैनिक शामिल होंगे।

हथियारों के अलावा परेड में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और ईरान, मलेशिया, म्यांमा, मंगोलिया, इंडोनेशिया, ज़िम्बाब्वे और मध्य एशिया के नेताओं समेत 26 विदेशी नेता शामिल होंगे।

भारत के पड़ोस से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू परेड में शामिल होंगे।

किम चीन की अपनी दूसरी यात्रा पर ट्रेन से बीजिंग पहुंचे। उन्होंने 2019 में पहली बार चीन की यात्रा थी।

दरअसल उनकी पहली यात्रा के बाद चीन और उत्तर कोरिया के बीच मतभेद की अफवाहें फैली थीं। बताया जाता है कि एकांतप्रिय नेता किम चीन के नियंत्रण से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे और उन्होंने इसके लिए यूक्रेन युद्ध में भाग लेने के लिए अपने सैनिकों को भेजकर रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ घनिष्ठता बढ़ानी शुरू की थी।

बीजिंग में विशेष रूप से एक सैन्य परेड में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग, पुतिन और किम की एक साथ उपस्थिति चीन द्वारा अमेरिका और उसके राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक कड़ा संदेश भेजने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, जिन्होंने पुतिन और किम दोनों को वाशिंगटन के पाले में लाने के लिए उन्हें लुभाने की कोशिश की थी।

बीजिंग में तीनों नेताओं की मुलाकात तियानजिन में 10 सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के हाई-प्रोफाइल शिखर सम्मेलन के बाद हो रही है। एससीओ शिखर सम्मेलन में ट्रंप द्वारा रूसी तेल खरीदने पर भारत पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शी और पुतिन के साथ बैठकों की चर्चा रही।

द्वितीय विश्व युद्ध में जापानी आक्रमण के खिलाफ चीन के प्रतिरोध की स्मृति में आयोजित परेड में विदेशी नेताओं की उपस्थिति जापान और चीन के बीच एक कूटनीतिक विवाद का कारण बन गई है, क्योंकि तोक्यो (जापान) ने विश्व नेताओं से इसमें भाग लेने से परहेज करने की अपील की थी।

चीन ने विश्व नेताओं से इस कार्यक्रम में शामिल न होने के जापान के अनुरोध पर राजनयिक विरोध दर्ज कराया है।

चीन अपने वैश्विक प्रभाव और सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, जिसे शी चिनफिंग की छवि को मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

इस परेड को जून में अमेरिकी सेना द्वारा शक्ति प्रदर्शन के लिए आयोजित परेड का जवाब माना जा रहा है।

भाषा राजकुमार धीरज

धीरज

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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