(के जे एम वर्मा)
बीजिंग, आठ जनवरी (भाषा) चीन ने कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के बावजूद रविवार को तीन साल में पहली बार पृथक-वास की आवश्यकता के बगैर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों और देश लौट रहे नागरिकों का स्वागत किया।
चीन में सख्त शून्य कोविड नीति को अचानक वापस लिए जाने के बाद से ही संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं।
सरकारी टीवी सीजीटीएन ने बताया कि चीन के नए ‘कोई पृथक-वास नहीं’ नियमों के तहत अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को लेकर पहुंचीं पहली उड़ानें रविवार सुबह दक्षिणी ग्वांगडोंग प्रांत में ग्वांग्झू और शेनझेन हवाई अड्डों पर उतरीं।
अधिकारियों ने बताया कि टोरंटो तथा सिंगापुर से आए दोनों विमानों में 387 यात्री सवार थे।
रविवार को हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र ने चीन के मुख्य भूभाग के साथ सीमा पार यात्रा बहाल की। चीन की सीमा के साथ लगते कई अन्य क्षेत्रों में भी सीमा पार यात्रा फिर से शुरू हो गई।
चीन ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वह अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए न्यूक्लिक एसिड जांच कराने और पृथक-वास करने संबधी कोविड-19 पाबंदियों को हटा रहा है। देशभर में शून्य कोविड नीति के विरोध में कई प्रदर्शन हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग से इस्तीफा देने की भी मांग की थी।
चीन सरकार ने शनिवार को कोरोना वायरस संबंधित घटनाओं को लेकर हिरासत में लिए गए कई लोगों को रिहा करने का आदेश दिया था।
पृथक-वास संबंधी सभी नियमों को हटाने की घोषणा का देश में स्वागत किया जा रहा है लेकिन इसके समय को लेकर अन्य देशों में चिंता पैदा हो गई है क्योंकि यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है जब 22 जनवरी को देश में वार्षिक वसंत उत्सव मनाया जाना है जिस दौरान लाखों चीनी नागरिक दुनियाभर में यात्रा करते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि चीन देश में कोरोना वायरस के प्रकोप को कमतर दिखाने की कोशिश कर रहा है।
ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, भारत, इजराइल, मलेशिया, मोरक्को, कतर, दक्षिण कोरिया, ताइवान, जापान, अमेरिका और यूरोपीय संघ के कई देशों ने चीन से आने वाले यात्रियों से 48 घंटे पहले की गई पीसीआर जांच रिपोर्ट दिखाने को कहा है जबकि मोरक्को ने कोविड-19 फैलने की आशंका से चीनी यात्रियों के देश में आने पर प्रतिबंध ही लगा दिया है।
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गोला नेत्रपाल
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