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Sunday, 5 May, 2024
होमविदेश'हमारी मातृभूमि है, हम इसकी रक्षा करेंगे'- चीनी सेना के मिलिट्री ड्रिल पर बोला ताइवान

‘हमारी मातृभूमि है, हम इसकी रक्षा करेंगे’- चीनी सेना के मिलिट्री ड्रिल पर बोला ताइवान

गोला-बारूद ले जा रहे चीन के कई H-6K लड़ाकू विमानों के जत्थों ने सोमवार को ताइवान द्वीप के कुछ महत्वपूर्ण ठिकानों पर मिलीट्री ड्रिल के दौरान हमले किये.

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नई दिल्ली: गोला-बारूद ले जा रहे चीन के कई H-6K लड़ाकू विमानों के जत्थों ने सोमवार को ताइवान द्वीप के कुछ महत्वपूर्ण ठिकानों पर मिलिट्री ड्रिल के दौरान हमले किये.

चीनी सेना के ईस्टर्न थिएटर कमांड ने एक बयान में कहा, “असली गोला-बारूद ले जाने वाले H-6K लड़ाकू विमानों के कई जत्थों ने ताइवान द्वीप पर महत्वपूर्ण लक्ष्यों पर अभ्यास के दौरान मिलिट्री ड्रिल के दौरान हमले किये.”

बता दें कि इससे पहले रविवार को अल जज़ीरा ने कहा था कि बीजिंग ने अभ्यास के दौरान ताइवान में कुछ महत्वपूर्ण जगहों पर हमले किए.

अभ्यास शनिवार (8 अप्रैल) को ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन के अमेरिका से लौटने के ठीक बाद शुरू हुआ, जहां उन्होंने हाउस स्पीकर केविन मैककार्थी से मुलाकात की और चीन इस मुलाकात के सख्त विरोध में था.

अल जज़ीरा ने बताया कि रविवार को ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने एक घोषणा की थी कि उन्होंने कई चीनी वायु सेना को पकड़ा है और बीजिंग की मिसाइल बलों पर नज़र रखा जा रहा है.

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ताइवान न्यूज ने बताया कि ताइवान ने शनिवार को शाम 4 बजे तक 71 चीनी सैन्य विमानों और नौ नौसैनिक जहाजों को ट्रैक किया.

राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय (MND) ने कहा कि इसमें 45 विमान शामिल हैं जो या तो ताइवान के मध्य रेखा को पार कर गए या दक्षिण-पश्चिम से ताइवान के एयर डिफेन्स क्षेत्र (ADIZ) में प्रवेश कर गए.

राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन के अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैकार्थी से मुलाकात करने और लॉस एंजिल्स से ताइपे लौटने के एक दिन बाद, बीजिंग द्वारा शुक्रवार को ताइवान के आसपास तीन दिनों के सैन्य अभ्यास की घोषणा की गई थी.

इस बीच, ताइवान ने चीनी सैन्य अभ्यास के खिलाफ विरोध किया और कहा कि देश ऐसी हरकतों और धमकियों के आगे नहीं झुकेगा.

ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने ट्वीट किया, “ताइवान हमारी मातृभूमि है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कहां जाते हैं या क्या करते हैं. इससे जुड़ी सारी यादे हमेशा हमारे साथ रहेंगी. हम रॉक आर्म्ड फोर्सेस अपनी मातृभूमि और घर की रक्षा करने के लिए पूरे जी-जान से लड़ रहे है.”

ताइवान कभी भी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा शासित नहीं रहा है, लेकिन बीजिंग का दावा है कि यह उसके क्षेत्र का हिस्सा है.


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