(के जे एम वर्मा)
बीजिंग, 13 जून (भाषा) चीन ने शुक्रवार को पाकिस्तान के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों के कारण आतंकवाद से निपटने में अपनी ओर से कोई भी अस्पष्टता या दोहरा मापदंड रखने की बात खारिज करते हुए कहा कि इस खतरे से निपटना अंतरराष्ट्रीय समुदाय की साझा जिम्मेदारी है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने यहां मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि आतंकवाद से निपटने में चीन का रुख पहले की तरह तथा स्पष्ट है।’’
लिन ने कहा कि आतंकवाद मानवता का साझा दुश्मन है और इससे लड़ना अंतरराष्ट्रीय समुदाय की साझा जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि चीन अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय शांति व सौहार्द की रक्षा करने तथा सभी प्रकार के आतंकवाद का दृढ़ता से मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई तथाकथित अस्पष्टता या दोहरा मापदंड नहीं है।’’
लिन, विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा फ्रांसीसी अखबार ले फिगारो को दिये गए साक्षात्कार पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। हाल में हुए पहलगाम आतंकी हमले और चीन द्वारा पाकिस्तान को दिए जा रहे समर्थन के संदर्भ में आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख पर पूछे गए सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा था, ‘‘दशकों से उनके बीच घनिष्ठ संबंध रहे हैं।’’
जयशंकर ने साक्षात्कार में कहा, ‘‘लेकिन आतंकवाद जैसे मुद्दे पर आप अस्पष्टता या दोहरे मापदंड बर्दाश्त नहीं कर सकते। अंतत: यह एक ऐसी समस्या है जो हम सभी के लिए चिंता का विषय है।’’
लिन ने कहा कि वर्तमान चीन-भारत संबंध सुधार और विकास के महत्वपूर्ण चरण में है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि भारत पिछले साल अक्टूबर में कज़ान में राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच हुई बैठक में बनी महत्वपूर्ण आम सहमति को लागू करने के लिए हमारे साथ काम करेगा और द्विपक्षीय संबंधों को एक मजबूत और स्थिर राह पर आगे बढ़ाएगा।’’
लिन की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब चीन के उप विदेश मंत्री सुन वेइदोंग बृहस्पतिवार से नयी दिल्ली की दो दिवसीय यात्रा पर हैं।
वेइदोंग भारत में चीन के पूर्व राजदूत और दक्षिण एशिया मामलों के लिए बीजिंग के प्रभारी हैं।
अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले और मई में भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के बाद, यह चीन के किसी उच्चस्तरीय अधिकारी की पहली भारत यात्रा है।
संघर्ष के दौरान भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ढांचे को निशाना बनाते हुए सटीक हमले किए थे।
दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने की प्रक्रिया में तेजी लाने पर भारत द्वारा सहमति जताए जाने की खबरें आई हैं। इस बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए लिन ने कहा कि सीधी उड़ानें फिर से शुरू करना चीन और भारत के बीच भू-सीमा से होकर यात्रा, आदान-प्रदान और सहयोग सुनिश्चित करने में सहायक है, जो दोनों पक्षों के हित में है।
उन्होंने कहा, ‘‘चीन इस मामले में सकारात्मक है। हमें उम्मीद है कि भारत हमारे साथ मिलकर जल्द से जल्द उड़ानें फिर से शुरू करने के लिए काम करेगा और दोनों देशों के बीच सुरक्षित और व्यवस्थित पारस्परिक यात्राएं सुनिश्चित करेगा।’’
भाषा सुभाष धीरज
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