नई दिल्ली: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को शुक्रवार को सर्वसम्मति से तीसरी बार चीनी राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया गया. इसके साथ ही वह अपने पिता माओत्से तुंग के बाद, सबसे लंबे समय के लिए राष्ट्रपति बन गए.
निक्केई एशिया के अनुसार, बीजिंग में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के हजारों प्रतिनिधियों ने शी को राष्ट्रपति और अगले पांच सालों के लिए सेना प्रमुख के रूप में नियुक्ति पर मतदान किया.
सभी 2,952 एनपीसी प्रतिनिधियों ने शी के लिए मतदान किया. प्रतिनिधियों ने वाइस प्रीमियर हान झेंग को चीन के उपराष्ट्रपति बनाने के लिए भी मतदान किया.
पिछले साल अक्टूबर में भी चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) ने अपनी कांग्रेस में 69 वर्षीय शी जिनपिंग को फिर से सीपीसी नेता के रूप में चुना था.
सीपीसी की कांग्रेस की बैठक पांच साल में एक बार होती है.
एनपीसी को सीपीसी के फैसलों को आंख मूंदकर मानने के कारण अकसर ‘रबर स्टांप पार्लियामेंट’ कहा जाता है.
चिनफिंग के ताउम्र चीन पर हुकूमत करने की संभावना जताई जा रही है.
एनपीसी का इस साल का वार्षिक सत्र इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इसमें चीन सरकार में नेतृत्व में 10 साल में एक बार होने वाले बदलावों पर मुहर लगाई जानी है, जिसमें प्रधानमंत्री पद भी शामिल है. प्रधानमंत्री राज्य परिषद और केंद्रीय मंत्रिमंडल की अध्यक्षता करते हैं.
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