बीजिंग: चीन ने कहा कि वह ‘ब्रिक्स’ समूह की एक साल की अध्यक्षता के दौरान भारत के योगदान को मानता है और उसकी सराहना करता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स के 13वें शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की, जिसका समापन बृहस्पतिवार को हुआ.
भारत इस साल पांच सदस्यीय समूह का अध्यक्ष था, जिसकी अध्यक्षता बदलती रहती है. यह दूसरी बार था जब प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की. इससे पहले, उन्होंने 2016 में गोवा शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की थी. चीन अगले साल 14वें ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगा.
ब्रिक्स साझेदारी और भारत की अध्यक्षता के तहत पांच सदस्यीय समूह द्वारा किए गए विभिन्न समझौतों के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम पिछले एक साल में इसकी अध्यक्षता के दौरान भारत के योगदान को मानते हैं और इसकी सराहना करते हैं, जिसमें शिखर सम्मेलन का आयोजन भी शामिल है.’
वीडियो लिंक के माध्यम से बृहस्पतिवार को शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि अगले साल अपनी अध्यक्षता के दौरान चीन आम चुनौतियों का सामना करने और बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए सभी क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने की दिशा में ब्रिक्स भागीदारों के साथ काम करने और करीबी तथा अधिक परिणाम-उन्मुख साझेदारी बनाने के लिए तत्पर है. शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने भी शिरकत की.
शी के संबोधन के बारे में बताते हुए झाओ ने ब्रिक्स के बीच व्यावहारिक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए चीनी राष्ट्रपति द्वारा पेश किए गए पांच प्रस्तावों पर प्रकाश डाला. शी के प्रस्तावों में एकजुटता की भावना से सार्वजनिक स्वास्थ्य सहयोग को मजबूत करना शामिल था.
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