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Saturday, 21 December, 2024
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टेक्नोलॉजी को लेकर अमेरिकी बिल पर चीन का ऐतराज, बताया घरेलू राजनीति पर परोक्ष हमला

चीन की विदेश मामलों की समिति ने एक बयान जारी कर अमेरिकी नवोन्मेष एवं प्रतिस्पर्धा विधेयक पर ‘कड़ी आपत्ति और कड़ा विरोध व्यक्त किया.’

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बीजिंग : चीन ने बुधवार को अमेरिका के उस विधेयक की निन्दा की जो चीन तथा अन्य देशों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के मद्देनजर अमेरिकी प्रौद्योगिकी को मजबूत करने पर केंद्रित है. बीजिंग ने कहा कि विधेयक चीन की घरेलू राजनीति पर परोक्ष हमला और इसके विकास को रोकने पर केंद्रित है.

चीन की विदेश मामलों की समिति ने एक बयान जारी कर अमेरिकी नवोन्मेष एवं प्रतिस्पर्धा विधेयक पर ‘कड़ी आपत्ति और कड़ा विरोध व्यक्त किया.’

अमेरिका के इस विधेयक को मंगलवार को सीनेट ने पारित कर दिया था.

चीन ने बयान में कहा, ‘अमेरिका के आधिपत्य को बनाए रखने के उद्देश्य से इस विधेयक में मानवाधिकार के बहाने चीन से तथाकथित खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है जिससे कि चीन की घरेलू राजनीति में हस्तक्षेप किया जा सके और चीन को विकास के वैध अधिकार से वंचित किया जा सके.’

इसमें कहा गया कि किसी को भी यह नहीं सोचना चाहिए कि चीन ऐसी किसी चीज को स्वीकार करेगा जो उसकी संप्रभुता, सुरक्षा या विकास हितों को नुकसान पहुंचाती हो.

चीन ने विधेयक में ताइवान का समर्थन किए जाने और हांगकांग का जिक्र किए जाने की भी निन्दा की.

ताइवान को चीन जहां अपना हिस्सा बताता है, वहीं हांगकांग में उस पर लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने के आरोप हैं.

बयान में कहा गया कि ये सभी मुद्दे ‘पूरी तरह चीन के आंतरिक मामले हैं और इसमें किसी विदेशी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं किया जाएगा.’

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विधेयक में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है जो चीन के विकास पथ को बाधित करने और उसकी घरेलू तथा विदेश नीति में हस्तक्षेप का प्रयास है.

वांग ने कहा, ‘यह स्वयं में अमेरिका का अपना मामला है कि वह किस तरह विकास करे और किस तरह अपनी प्रतिस्पर्धा को मजबूत करे. लेकिन हम अमेरिका द्वारा चीन को मुद्दा बनाए जाने और उसके साथ काल्पनिक दुश्मन की तरह व्यवहार किए जाने का कड़ा विरोध करते हैं.’

अमेरिकी विधेयक में कोविड-19 को लेकर भी चीन का जिक्र किया गया है जहां वुहान शहर में महामारी का सबसे पहला मामला सामने आया था.

कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर अमेरिका चीन को कठघरे में खड़ा करता रहा है, लेकिन चीन महामारी और वुहान विषाणु विज्ञान संस्थान के बीच कोई संबंध होने के आरोपों को खारिज करता रहा है.

विधेयक अमेरिकी सीनेट में पारित हो गया है, लेकिन डेमोक्रेटिक सांसदों के प्रभुत्व वाली प्रतिनिधि सभा में इसके भविष्य को लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है.

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाला प्रशासन चीन को लेकर काफी सख्त था और नए राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी चीन के प्रति अमेरिका के रुख में कोई ढिलाई नहीं आने दी है.

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