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Thursday, 25 April, 2024
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नैंसी पेलोसी ने चीन को दिया संदेश, कहा- ताइवान के लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है अमेरिका

पेलोसी मंगलवार रात ताइपे पहुंची. वह ताइवान की यात्रा करने वाली पिछले 25 वर्षों में सबसे उच्च स्तर की अमेरिकी अधिकारी हैं.

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नई दिल्ली: अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्‍पीकर नैंसी पेलोसी मंगलवार रात ताइवान के दौरे पर पहुंची. चीन की सेना के साथ बढ़ते तनाव के बीच ताइवान पहुंचने के बाद नैन्सी पेलोसी ने ताइवान दौरे पर कई मुद्दों पर बात की.

पेलोसी ताइवान की यात्रा करने वाली पिछले 25 वर्षों में सबसे उच्च स्तर की अमेरिकी अधिकारी हैं.

नैंसी पेलोसी ने कहा कि, ‘हम यहां आपकी बात सुनने और आपसे सीखने के लिए हैं कि हम एक साथ कैसे आगे बढ़ सकते हैं. हम आपको कोविड के मुद्दे को सफलतापूर्वक संबोधित करने के लिए बधाई देते हैं जो स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और शासन का मुद्दा भी है.’

वही उन्होंने जलवायु संकट के मुद्दे पर कहा कि, ‘हमें इस बारे में बातचीत की प्रतीक्षा है कि कैसे हम मिलकर इस ग्रह को जलवायु संकट से बचाने के लिए काम कर सकते हैं. हम आपके नेतृत्व के लिए धन्यवाद करते हैं और चाहते हैं कि दुनिया इसे पहचाने. हमारी यात्रा मानवाधिकारों, अनुचित व्यापार प्रथाओं, सुरक्षा मुद्दों को लेकर है.’

नैन्सी पेलोसी ने ताइपे में ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन से मुलाकात की, इस दौरान साई इंग वेन ने कहा कि, ‘हम ताइवान स्ट्रेट में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. ताइवान एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक को सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय सुरक्षा तौर पर एक प्रमुख स्थिर शक्ति बना सकता है.’

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उन्होंने आगे कहा, ‘हम अपने देश की संप्रभुता को मजबूती से बनाए रखेंगे और रक्षा रेखा को बनाए रखेंगे. साथ ही, हम लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए दुनिया भर के सभी लोकतंत्रों के साथ सहयोग और एकता के साथ काम करना चाहते हैं’.

साई इंग वेन से मुलाकात के बाद नैंसी पेलोसी बोली, ‘अमेरिका ने हमेशा ताइवान के साथ खड़े रहने का वादा किया है. इस मजबूत नींव पर, हमारी आर्थिक समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध क्षेत्र और दुनिया में पारस्परिक सुरक्षा पर केंद्रित स्व-सरकार और आत्मनिर्णय पर आधारित एक संपन्न साझेदारी है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘ताइवान में लोकतंत्र फल-फूल रहा है. ताइवान ने दुनिया को साबित किया है कि चुनौतियों के बावजूद अगर आशा, साहस और दृढ़ संकल्प है तो आप समृद्ध भविष्य का निर्माण कर सकते हैं. ताइवान के साथ अमेरिका की एकजुटता महत्वपूर्ण है. आज हम यही संदेश लेकर आए हैं.’


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चीन की धमकी

गौतलब है कि, चीन ने मंगलवार को चेतावनी दी कि उसकी चेतावनियों के बावजूद हो रही अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा का द्विपीक्षय संबंधों पर ‘गंभीर असर’ पड़ेगा क्योंकि यह क्षेत्र की शांति और स्थिरता को ‘गंभीर रूप से कमजोर’ करता है. उसकी सरकारी मीडिया ने कहा कि सेना उनकी यात्रा का मुकाबला करने के लिए ‘लक्षित’ अभियान चलाएगी.

चीन ने राजनयिक कार्रवाईस्तर पर विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि पेलोसी की यात्रा ‘एक चीन सिद्धांत’ का उल्लंघन करती है. उसने अमेरिका पर उसे नियंत्रित करने के लिए ताइवान कार्ड खेलना का आरोप लगाया.

पेलोसी के चीन पहुंचने के बाद, चीन के विदेश मंत्रालय ने एक कड़ा बयान जारी कर कहा कि उनकी यात्रा ‘एक-चीन सिद्धांत और चीन-अमेरिका के तीन संयुक्त सहमति पत्रों के प्रावधानों का गंभीर उल्लंघन है.’

चीन ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है और कहता है कि वह उसे अपने में मिलाएगा.

बयान में कहा गया है, ‘यह चीन-अमेरिका संबंधों की राजनीतिक नींव पर गंभीर प्रभाव करता है और चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का गंभीर रूप से उल्लंघन करता है. यह ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता को गंभीर रूप से कमजोर करता है और अलगाववादी ताकतों को ‘ताइवान की स्वतंत्रता’ के लिए गंभीर रूप से गलत संकेत भेजता है.’

बयान में कहा गया है, ‘चीन इसका कड़ा विरोध करता है और कड़ी निंदा करता है .’ चीन ने अमेरिका के सामने कड़ा सख्त राजनयिक जताया है.

बयान में कहा, ‘ताइवान का मसला चीन का आंतरिक मामला है और किसी भी अन्य देश को यह अधिकार नहीं है कि वह ताइवान के मसले पर न्यायाधीश बनकर काम करे.’

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘चीन अमेरिका से ‘ताइवान कार्ड’ खेलना और चीन को नियंत्रित करने के लिए ताइवान का उपयोग बंद करने का आग्रह करता है. इसे ताइवान में दखल देना और चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना बंद कर देना चाहिए.’

उसने कहा कि दुनिया में केवल एक-चीन है, ताइवान चीन के क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा है, और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की सरकार पूरे चीन का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र कानूनी सरकार है.

मंत्रालय ने कहा कि इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव में स्पष्ट रूप से मान्यता दी गई है और 181 देशों ने एक-चीन सिद्धांत के आधार पर चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए हैं.

उसने कहा कि 1979 में, अमेरिका ने राजनयिक संबंधों की स्थापना पर चीन-अमेरिका संयुक्त आधिकारिक पत्र में स्पष्ट प्रतिबद्धता व्यक्त की थी कि ‘ अमेरिका पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की सरकार को चीन की एकमात्र कानूनी सरकार के रूप में मान्यता देता है.’

चीन ने अमेरिकी मंत्री एंटनी ब्लिंकन के इस दावे को भी खारिज किया कि अमेरिकी कांग्रेस स्वतंत्र रूप से काम करती है. बयान में कहा गया है कि ‘अमेरिकी सरकार के एक हिस्से के रूप में कांग्रेस, अमेरिकी सरकार की एक-चीन नीति का सख्ती से पालन करने के लिए स्वाभाविक रूप से बाध्य है और चीन के ताइवान क्षेत्र के साथ किसी भी आधिकारिक आदान-प्रदान से बचना चाहिए.’

राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वू कियान के हवाला से सरकारी ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने बताया कि चीनी सेना ‘ताइवान द्वीप पर पेलोसी की यात्रा का मुकाबला करने के लिए लक्षित सैन्य अभियानों की एक श्रृंखला शुरू करेगी, और राष्ट्र की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की दृढ़ता से रक्षा करेगी. ‘

चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की पूर्वी थिएटर कमान ताइवान द्वीप के आसपास संयुक्त सैन्य अभियानों की एक श्रृंखला शुरू करेगी जिसका आगाज़ मंगलवार रात से ही हो रहा है.

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक पीएलए की पूर्वी थिएटर कमान समुद्र क्षेत्रों में संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास करेगी .


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