(केजेएम वर्मा)
बीजिंग, चार जून (भाषा) चीन ने बुधवार को उम्मीद जताई कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हाल ही में राजनयिक संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए की गई पहल से दोनों पड़ोसियों के बीच आपसी विश्वास बढ़ाने में मदद मिलेगी।
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर आतंकवादी समूहों को पनाह के लिए अपनी धरती का इस्तेमाल करने देने का आरोप लगाया है। इसे लेकर दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि बीजिंग हालिया घोषणा का स्वागत करता है और मानता है कि इससे पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच आपसी विश्वास बढ़ाने, सहयोग मजबूत करने और क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता की रक्षा के लिए मिलकर काम करने में मदद मिलेगी।
लिन ने यहां प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के संबंधों को बेहतर बनाने में रचनात्मक भूमिका निभाने को तैयार है। उन्होंने यह टिप्पणी दोनों देशों द्वारा अपने राजनयिक संबंधों को प्रभारी से राजदूत स्तर तक बढ़ाने के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में कही।
चीन ने पिछले महीने पाकिस्तान में बार-बार होने वाले आतंकवादी हमलों को लेकर काबुल और इस्लामाबाद के बीच मतभेद को समाप्त करने के लिए तीनों देशों के विदेश मंत्रियों की एक अनौपचारिक त्रिपक्षीय बैठक आयोजित की। उसने अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच शांति के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाई।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने 21 मई को यहां अपने पाकिस्तानी समकक्ष इसहाक डार और तालिबान सरकार के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के साथ बैठक की। इस दौरान पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच अपने संबंधों को राजदूत स्तर तक बढ़ाकर द्विपक्षीय साझेदारी प्रगाढ़ करने पर सहमति व्यक्त की गई।
अफगानिस्तान की सत्ता पर 2021 में कब्जा करने वाले तालिबान की सरकार को किसी भी देश ने औपचारिक मान्यता नहीं दी है। तालिबान ने अमेरिका और उत्तरी अटलांटिक सहयोग संधि (नाटो) की सेनाओं के वापस जाने पर काबुल पर कब्जा कर लिया था।
तालिबान के सत्ता में आने के बाद भी चीन, संयुक्त अरब अमीरात और रूस सहित कुछ देशों ने काबुल और अपनी-अपनी राजधानियों में राजदूत स्तर के राजनयिकों को बनाए रखा है।
भाषा धीरज सुरेश
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