(के जे एम वर्मा)
बीजिंग, 29 दिसंबर (भाषा) जापान के साथ बढ़ते कूटनीतिक तनाव के बीच चीन की सेना ने ताइवान जलडमरूमध्य के ‘मध्य क्षेत्रों’ में नए युद्धाभ्यास सोमवार को शुरू कर दिए हैं।
चीन ताइवान पर अपना अधिकार जताता है और इसको लेकर चीन तथा जापान के बीच तनाव है।
सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ में कहा गया है, ‘‘चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की पूर्वी थिएटर कमान सोमवार को ताइवान जलडमरूमध्य के मध्य क्षेत्रों में जल और हवाई क्षेत्र में अभ्यास करने के लिए लड़ाकू विमानों, बमवर्षकों और मानवरहित हवाई वाहनों (यूएवी) के साथ समन्वय कर रही है।’’
सरकारी समाचार एजेंसी में कहा गया है कि इन युद्धाभ्यासों का मकसद जमीनी लक्ष्यों को निशाना बनाने और प्रमुख लक्ष्यों पर सटीक हमले करने की सैनिकों की क्षमताओं का परीक्षण करना है।
चीन, ताइवान को अपनी मुख्यभूमि का हिस्सा मानता है और इसे अपने साथ मिलाने की कोशिशें करता है, हालांकि ताइवान खुद को स्वतंत्र रूप से शासित मानता है।
इन युद्धाभ्यासों में लड़ाकू विमान, लंबी दूरी के रॉकेट और यूएवी का उपयोग किया जाएगा। यह युद्धाभ्यास ऐसे समय में हो रहे हैं जब अमेरिका ने ताइपे को रिकॉर्ड 11.1 अरब डॉलर का हथियार पैकेज मंजूर किया है, जिसकी चीन ने कड़ी आलोचना की। इसके साथ ही ताइवान को लेकर जापान के साथ भी कूटनीतिक तनाव बढ़ गए हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ताइवान के लिए 11.1 अरब अमेरिकी डॉलर के हथियार पैकेज को मंजूरी दे दी है, जिसे अगर अमेरिकी कांग्रेस द्वारा मंजूरी मिल जाती है, तो यह द्वीप को वाशिंगटन की अब तक की सबसे बड़ी हथियार बिक्री होगी।
चीन ने अमेरिका की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वाशिंगटन ने ‘चीन के ताइवान क्षेत्र को भारी मात्रा में उन्नत हथियार बेचने की अपनी योजना की खुलेआम घोषणा की’ और ‘ताइवान की स्वतंत्रता’ के लिए संघर्षरत अलगाववादी ताकतों को एक बेहद गलत संदेश भेजा।
भाषा यासिर मनीषा
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