(के जे एम वर्मा)
बीजिंग, 11 जुलाई (भाषा) चीन ने अल्ज़ाइमर रोग के सर्जिकल उपचार पर प्रतिबंध लगा दिया है। चार वर्षों में लगभग 400 अस्पतालों में इस उपचार को किए जाने के बाद यह निर्णय लिया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि इस पद्धति की सुरक्षा और प्रभावशीलता के समर्थन में उच्च गुणवत्ता वाले चिकित्सा साक्ष्य की कमी है।
‘लिम्फैटिक-वेनस एनास्टोमोसिस’ (एलवीए) के नाम से जानी जाने वाली इस प्रक्रिया में मरीज की लिम्फ वाहिकाओं को गर्दन के पास की नसों से जोड़ा जाता है, ताकि लसीका द्रव का प्रवाह और निकास तेज हो सके। इसका उद्देश्य हानिकारक मस्तिष्क प्रोटीनों को हटाने में तेजी लाना और रोग की प्रगति को धीमा करना है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि उसे हाल में पता चला है कि कुछ चिकित्सा संस्थान अल्जाइमर रोग से पीड़ित मरीजों की ‘लिम्फैटिकोवेनस एनास्टोमोसिस’, जिसे एलवीए सर्जरी भी कहा जाता है, कर रहे हैं।
आयोग ने एक नोटिस में कहा कि इस खोज के बाद, उसने प्रक्रिया की सुरक्षा और प्रभावकारिता का आकलन किया।
सरकारी अखबार ‘चाइना डेली’ की खबर में शुक्रवार को बताया गया कि, ‘‘हमारे मूल्यांकन से यह निष्कर्ष निकला है कि अल्जाइमर रोग के इलाज के लिए एलवीए सर्जरी के उपयोग में प्रीक्लिनिकल अध्ययनों से प्राप्त साक्ष्यों का अभाव है।’’
अल्जाइमर रोग एक मस्तिष्क रोग है जो याददाश्त, सोच और व्यवहार को प्रभावित करता है। यह मनोभ्रंश का सबसे आम कारण है, खासकर वृद्धों में।
भाषा
देवेंद्र पवनेश
पवनेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.