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Friday, 7 November, 2025
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अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के बावजूद कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में बाल विवाह की दर उच्च बनी हुई है

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(सथिया सुसुमन अप्पुन्नी, वेस्टर्न केप विश्वविद्यालय)

केपटाउन, एक नवंबर (द कन्वरसेशन) बाल विवाह को समाप्त करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के बावजूद, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) में इस कुप्रथा की दर अब भी उच्च बनी हुई है।

बाल विवाह उस औपचारिक या अनौपचारिक रिश्ते को कहा जाता है, जिसमें एक या दोनों पक्षों की आयु 18 वर्ष से कम होती है। यह प्रथा नुकसानदायक है क्योंकि यह लड़कियों के शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यक्तिगत विकास के अधिकारों से उन्हें वंचित कर देती है।

कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में 20 से 24 वर्ष आयु वर्ग की लगभग 29 प्रतिशत युवतियों का विवाह 18 वर्ष की उम्र से पहले ही हो गया था। निवास स्थान के आधार पर इसमें स्पष्ट अंतर देखा जाता है-ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह की दर 40.1 प्रतिशत है, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह घटकर 19.4 प्रतिशत रह जाती है।

कुछ अन्य अफ्रीकी देशों में बाल विवाह की दर और भी अधिक है। नाइजर में यह दर 76 प्रतिशत, चाड में 67 प्रतिशत, मध्य अफ्रीकी गणराज्य में 68 प्रतिशत, माली में 54 प्रतिशत, मोजाम्बिक में 48 प्रतिशत, सोमालिया में 45 प्रतिशत, दक्षिण सूडान में 52 प्रतिशत और इथियोपिया में 40 प्रतिशत है। दक्षिण अफ्रीका में यह दर काफी कम यानी चार प्रतिशत है।

सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक जनसांख्यिकी के शोधकर्ता के रूप में, मैंने उप-सहारा अफ्रीका में जनसंख्या स्वास्थ्य और विकास को प्रभावित करने वाली चुनौतियों का अध्ययन करने में 20 से अधिक वर्ष बिताए हैं। बाल विवाह में मेरी रुचि तब बढ़ी जब मैंने देखा कि इससे लड़कियों के स्वास्थ्य, शिक्षा और लैंगिक समानता को कितना नुकसान पहुंचता है, जो सतत विकास के लिए आवश्यक तीन प्रमुख क्षेत्र हैं।

मैंने यह पता लगाने के लिए शोध किया कि कौन से सामाजिक-आर्थिक और जनसांख्यिकीय कारक डीआरसी में युवा महिलाओं के 18 वर्ष से कम उम्र में विवाह करने की संभावना को बढ़ाते हैं। मैंने पाया कि यह प्रथा गरीबी, लैंगिक असमानता, पारंपरिक प्रथाओं, कमजोर कानून प्रवर्तन और संघर्ष के जटिल अंतर्संबंध से प्रेरित है।

मेरा शोध हालांकि 2014 के आंकड़ों का इस्तेमाल करके किया गया था और 2017 में प्रकाशित हुआ था, फिर भी इसके निष्कर्ष मान्य हैं।

मेरे अध्ययन में जिन चार कारकों को डीआरसी में बाल विवाह के प्रमुख कारणों के रूप में पहचाना गया था, उनमें कोई बदलाव नहीं आया है, बल्कि कुछ मामलों में तो स्थिति और भी बदतर हो गई है। डीआरसी के कबिंदा प्रांत में बाल विवाह पर एक और अध्ययन ने मेरे 2017 के शोध के निष्कर्षों की पुष्टि की।

हालांकि यह डीआरसी-विशिष्ट अध्ययन नहीं था, लेकिन मेरे एक शोध छात्र द्वारा किए गए शोध ने न केवल इस बात पर प्रकाश डाला कि उप-सहारा अफ्रीका में बाल विवाह कितना व्यापक है, बल्कि उन सामाजिक प्रणालियों को भी उजागर किया जो इसे जारी रखती हैं।

इन रणनीतियों को उन क्षेत्रों में लागू करना महत्वपूर्ण है जहां बाल विवाह का प्रचलन अधिक है, जिससे इस प्रथा में उल्लेखनीय कमी आ सकती है।

कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में बाल विवाह अब भी बहुत आम है। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में इसकी व्यापकता दर इस प्रकार बताई गई है: हर 100 में से लगभग 37 लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले हो जाती है, और हर 100 में से 10 लड़कियों की शादी 15 साल की उम्र से पहले हो जाती है।

यह ग्रामीण इलाकों और युद्ध प्रभावित इलाकों, जैसे कसई, उत्तरी किवु और दक्षिणी किवु प्रांतों में और भी आम बात है। पूर्वी प्रांत (किवु) संघर्ष और अस्थिरता से विशेष रूप से प्रभावित रहे हैं।

हमारे वर्ष 2017 के शोध से चार प्रमुख कारक सामने आए, जो डीआरसी में बाल विवाह को समाप्त करने में मुख्य भूमिका निभा सकते हैं:

1. गरीबी

2. सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताएं

3. खराब कानून प्रवर्तन

4. सशस्त्र संघर्ष

वर्ष 2017 के अध्ययन के नीतिगत निहितार्थों ने स्पष्ट रूप से कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में बाल विवाह उन्मूलन के उद्देश्य से मजबूत नीतियों को लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया।

गरीबी बाल विवाह का सबसे बड़ा कारक बनी हुई है। सबसे कम आय वर्ग में रहने वाले परिवार अक्सर विवाह को आर्थिक तंगी कम करने की एक रणनीति के रूप में देखते हैं। परिवारों को वधू मूल्य मिल सकता है या खिलाने के लिए बच्चों की संख्या कम हो सकती है।

गरीब परिवारों द्वारा लड़कियों की शिक्षा में निवेश करने की संभावना भी कम होती है, जो कि कम उम्र में शादी होने का एक प्रमुख कारण है। डीआरसी में गरीबी अभी भी व्यापक है, और अधिकांश आबादी अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करती है।

कम या बिल्कुल भी शिक्षा न पाने वाली लड़कियों की जल्दी शादी होने की आशंका कहीं अधिक होती है। मेरे शोध में पाया गया कि बिना औपचारिक शिक्षा वाली लड़कियों की 18 साल की उम्र से पहले शादी होने की आशंका माध्यमिक या उच्च शिक्षा प्राप्त लड़कियों की तुलना में तीन गुना अधिक होती है।

शिक्षा लड़कियों को अपने भविष्य के बारे में सोच-समझकर निर्णय लेने में भी सक्षम बनाती है। वर्ष 2022 के इस अध्ययन के अनुसार, स्थिति अब भी वही है, क्योंकि कम या अशिक्षित लड़कियों की शादी जल्दी होने की आशंका है।

डीआरसी की कानूनी व्यवस्था एकीकृत नहीं है, जिससे प्रथागत और धार्मिक कानूनों का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। हालांकि डीआरसी में राष्ट्रीय कानून बाल विवाह पर प्रतिबंध लगाते हैं, लेकिन उनका पालन ठीक से नहीं हो पाता।

सशस्त्र संघर्ष विस्थापन, आर्थिक अस्थिरता और असुरक्षा को भी बढ़ावा देते हैं। कई माता-पिता मानते हैं कि ऐसे अस्थिर वातावरण में विवाह यौन हिंसा से सुरक्षा प्रदान करता है। देश में सुरक्षा की स्थिति 2017 के बाद से काफी खराब हुई है, और सशस्त्र संघर्ष आज और भी बदतर हो गया है।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच बढ़ाना शायद विवाह में देरी का सबसे प्रभावी तरीका है।

मजबूत जन्म और विवाह पंजीकरण प्रणालियां भी आयु की पुष्टि करने और अवैध विवाहों को रोकने में मदद कर सकती हैं।

माता-पिता, बुजुर्गों और धार्मिक नेताओं के साथ सामुदायिक संवाद से धारणाएं बदल सकती हैं।

लड़कियों के लिए बोलने, सीखने और बढ़ने के लिए सुरक्षित माहौल बनाने से अलगाव कम हो सकता है और उन्हें स्वयं की वकालत करने के लिए सशक्त बनाया जा सकता है।

(द कन्वरसेशन)

देवेंद्र प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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