(गुरदीप सिंह)
सिंगापुर, 30 मई (भाषा) भारत के प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) अनिल चौहान शुक्रवार से रविवार तक यहां आयोजित होने वाली 22वीं शांगरी ला वार्ता में हिस्सा लेने के लिए सिंगापुर में हैं। शांगरी ला वार्ता को सबसे बड़े रक्षा मंचों में से एक माना जाता है।
इस महत्वपूर्ण वार्ता के दौरान जनरल चौहान शनिवार को ‘भविष्य के युद्ध और युद्धकला’ विषय पर अपने विचार रखेंगे। चौहान कार्यक्रम के तहत विशेष सत्रों में भी भागीदारी करेंगे और ‘‘भविष्य की चुनौतियों के लिए रक्षा नवोन्मेष समाधान’’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि जनरल चौहान ऑस्ट्रेलिया, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, जापान, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, फिलीपीन, सिंगापुर, ब्रिटेन और अमेरिका के वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों और सैन्य नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।
इन वार्ताओं में सैन्य संबंधों को मजबूत करने, रक्षा सहयोग को बढ़ाने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने पर ध्यान केंद्रित किए जाने की संभावना है।
दक्षिण एशियाई पर्यवेक्षकों के अनुसार, शांगरी ला वार्ता एक बड़ा रक्षा आयोजन है जहां रक्षा विशेषज्ञ भारत और पाकिस्तान संबंधी परिदृश्य को समझने की कोशिश करेंगे।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम और अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ भी वार्ता को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में 40 मंत्री-स्तरीय प्रतिनिधियों सहित 47 देशों के रक्षा विशेषज्ञों के भाग लेने की उम्मीद है।
रिपोर्ट के अनुसार, चीन के रक्षा मंत्री डोंग जून को वार्षिक वार्ता में नहीं भेजेगा।
इसके बजाय, ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी’ का प्रतिनिधिमंडल तीन दिवसीय सम्मेलन में भाग लेगा, जिसमें रक्षा मामलों, विशेष रूप से ताइवान पर अमेरिका-चीन के रुख और दक्षिण चीन सागर में समुद्री अधिकार क्षेत्र पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा।
‘स्ट्रेट टाइम्स’ समाचार पत्र के अनुसार, 2019 के बाद यह पहली बार है जब चीन अपने रक्षा मंत्री को इस मंच में नहीं भेज रहा है।
भाषा सुरभि सिम्मी
सिम्मी
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