नई दिल्लीः नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने मंगलवार को ऊर्जा संरक्षण योजना के तहत विभिन्न उपायों की घोषणा की, जिनमें बाजारों और मैरिज हॉल को जल्दी बंद किया जाना शामिल है.
सरकार अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के प्रयास कर रही है.
कैबिनेट ने ऊर्जा बचाने और आयातित तेल पर निर्भरता कम करने के लिए राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण योजना को मंजूरी दी.
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया को बताया कि कि बाजार रात 8.30 बजे बंद हो जाएंगे, जबकि मैरिज हॉल 10.00 बजे बंद हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि इससे 60 अरब रुपये बच सकेंगे.
उन्होंने विभिन्न उपायों की घोषणा करते हुए कहा कि एक फरवरी से पारंपरिक बल्बों का उत्पादन बंद कर दिया जाएगा, वहीं अधिक बिजली की खपत करने वाले पंखों का उत्पादन जुलाई से बंद कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इन उपायों से 22 अरब रुपये बचाने में मदद मिलेगी.
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दस दिन में नीति तैयार की जाएगी
सरकार एक वर्ष के भीतर ऐसे गीजरों के इस्तेमाल को जरूरी करेगी, जिससे कम गैस का उपयोग करके 92 अरब रुपये की बचत की जा सकेगी और स्ट्रीट लाइट के वैकल्पिक उपयोग से अन्य चार अरब रुपये की बचत होगी.
आसिफ ने कहा कि इस योजना के तहत सभी सरकारी भवनों और कार्यालयों में भी बिजली के उपयोग को कम किया जाएगा और घर से काम करने की नीति भी 10 दिनों में तैयार की जाएगी.
उन्होंने कहा, ‘कैबिनेट की बैठक में आज कोई रोशनी नहीं की व्यवस्था नहीं की गई थी. यह बैठक खिली धूप में आयोजित की गई थी.’
उन्होंने कहा कि यह देश के अनुसरण के लिए एक उदाहरण है.
आसिफ ने बताया कि कैबिनेट ने सरकारी विभागों द्वारा खपत की जाने वाली बिजली में 30 प्रतिशत बचत करने की योजना बनाई है, जिससे 62 अरब रुपये की बचत होगी.
उन्होंने कहा कि ईंधन के आयात में कटौती के लिए इस साल के अंत तक इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल पेश की जाएंगी.
उन्होंने कहा, ‘बिजली बचाने की योजना तुरंत लागू हो गई है और कैबिनेट इस पर नजर रखेगी.’
प्रेस कॉन्फ्रेंस में रक्षा मंत्री के साथ मौजूद जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने कहा कि यह योजना जलवायु परिवर्तन के मुद्दे से निपटने में भी मदद करेगी.
उन्होंने कहा, ‘दुनिया कुछ समय से इस योजना का पालन कर रही है और हमारे लिए अपनी आदतों को बदलना जरूरी है.’
ऊर्जा बचाने के यह उपाय राष्ट्रीय सुरक्षा समिति द्वारा इस सहमति के एक दिन बाद आए हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार आवश्यक है.
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति ‘गंभीर विपरीत परिस्थितियों’ का सामना कर रही है, जिसमें मुद्रास्फीति के 21 से 23 प्रतिशत के बीच रहने और चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों (जुलाई-अक्टूबर) में देश का राजकोषीय घाटा 115 प्रतिशत से अधिक बढ़ने का अनुमान है.
पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने पिछले सप्ताह अपने मासिक आर्थिक अपडेट और आउटलुक में कहा था कि बाढ़ से हुई तबाही के कारण वित्त वर्ष 2023 में आर्थिक विकास बजटीय लक्ष्य से नीचे रहने की संभावना है.
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