तस्वीरों में: मोमबत्तियां और न भूलने का वादा — नेपाल धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट रहा है
जेन जी क्रांति द्वारा नेपाल की ओली सरकार को 36 घंटे में उखाड़ फेंकने के बाद कर्फ्यू हटा लिया गया है, दुकानें फिर से खुल रही हैं, लोग अपने सामान्य जीवन में लौट रहे हैं, लेकिन जो चले गए हैं उन्हें भुलाए बिना नहीं.
काठमांडू के बिजुलीबाजार में लोग दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए मोमबत्तियां जलाने के लिए एकत्रित हुए | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
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काठमांडू: नेपाल धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है. दुकानें और बाज़ार खुल रहे हैं और पर्यटक भी सड़कों पर लौट आए हैं.
राजधानी पहले कर्फ्यू में थी, 8 और 9 सितम्बर को हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद, जिसमें प्रधानमंत्री के.पी. ओली ने इस्तीफा दे दिया और सरकार गिर गई. इस हिंसा में 72 लोगों की जान गई. शुक्रवार रात को पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने से व्यवस्था का अहसास लौटा.
फिलहाल, जेन-ज़ी खुश है क्योंकि उनकी मुख्य मांगें पूरी हुई हैं, जिसमें सबसे अहम कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने की थी. नई सरकार के पास छह महीने हैं, जिसमें उसे नए चुनाव कराने होंगे.
“इस देश का भविष्य बदल जाएगा. हमें बेहतर शिक्षा और सुविधाएं मिलेंगी,” एक प्रदर्शनकारी राजकुमार ने द प्रिंट को बताया.
इस घटनाक्रम के बाद, जब जीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है, नेपाल के लोग उन प्रदर्शनकारियों को याद कर रहे हैं जिन्होंने अपनी जान गंवाई. जिस दिन कर्फ्यू हटाया गया, उस दिन बुजुर्ग और युवा दोनों काठमांडू के अलग-अलग स्थानों पर इकट्ठा हुए और मोमबत्तियां जलाकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी.
दिप्रिंट की मनीषा मोंडल आपके लिए काठमांडू से तस्वीरें साझा कर रहीं हैं.
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