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Monday, 15 September, 2025
होमविदेशतस्वीरों में: मोमबत्तियां और न भूलने का वादा — नेपाल धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट रहा है

तस्वीरों में: मोमबत्तियां और न भूलने का वादा — नेपाल धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट रहा है

जेन जी क्रांति द्वारा नेपाल की ओली सरकार को 36 घंटे में उखाड़ फेंकने के बाद कर्फ्यू हटा लिया गया है, दुकानें फिर से खुल रही हैं, लोग अपने सामान्य जीवन में लौट रहे हैं, लेकिन जो चले गए हैं उन्हें भुलाए बिना नहीं.

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काठमांडू: नेपाल धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है. दुकानें और बाज़ार खुल रहे हैं और पर्यटक भी सड़कों पर लौट आए हैं.

राजधानी पहले कर्फ्यू में थी, 8 और 9 सितम्बर को हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद, जिसमें प्रधानमंत्री के.पी. ओली ने इस्तीफा दे दिया और सरकार गिर गई. इस हिंसा में 72 लोगों की जान गई. शुक्रवार रात को पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने से व्यवस्था का अहसास लौटा.

फिलहाल, जेन-ज़ी खुश है क्योंकि उनकी मुख्य मांगें पूरी हुई हैं, जिसमें सबसे अहम कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने की थी. नई सरकार के पास छह महीने हैं, जिसमें उसे नए चुनाव कराने होंगे.

“इस देश का भविष्य बदल जाएगा. हमें बेहतर शिक्षा और सुविधाएं मिलेंगी,” एक प्रदर्शनकारी राजकुमार ने द प्रिंट को बताया.

इस घटनाक्रम के बाद, जब जीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है, नेपाल के लोग उन प्रदर्शनकारियों को याद कर रहे हैं जिन्होंने अपनी जान गंवाई. जिस दिन कर्फ्यू हटाया गया, उस दिन बुजुर्ग और युवा दोनों काठमांडू के अलग-अलग स्थानों पर इकट्ठा हुए और मोमबत्तियां जलाकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी.

दिप्रिंट की मनीषा मोंडल आपके लिए काठमांडू से तस्वीरें साझा कर रहीं हैं.

Flowers and candles for the people who died in Gen Z protests | Manisha Mondal | ThePrint
जनरेशन ज़ी के विरोध प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के लिए फूल और मोमबत्तियां | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
A white flower is kept next to the national flag of Nepal | Manisha Mondal | ThePrint
नेपाल के राष्ट्रीय ध्वज के बगल में एक सफेद फूल रखा गया है | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
People come together to light candles | Manisha Mondal | ThePrint
लोग मोमबत्तियां जलाने के लिए एक साथ आए | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
Traders, tourists and mourners light candles in solidarity of the people killed in Nepal protests, in Kathamandu's Thamel | Manisha Mondal | ThePrint
काठमांडू के थमेल में व्यापारी, पर्यटक और शोक संतप्त लोग नेपाल विरोध प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के प्रति एकजुटता में मोमबत्तियां जलाते हुए | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
A shopkeeper opens his shop after a gap of five days following the upheaval in Kathmandu and other cities of Nepal | Manisha Mondal | ThePrint
काठमांडू और नेपाल के अन्य शहरों में हुई हिंसा के बाद पांच दिनों के अंतराल के बाद एक दुकानदार अपनी दुकान खोलता हुआ | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
A candle is lit as tribute to the fallen protesters | Manisha Mondal | ThePrint
शहीद प्रदर्शनकारियों को श्रद्धांजलि स्वरूप मोमबत्ती जलाई गई | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
People step out of their houses, hotels in the evening hours in Thamel, which is widely regarded as the center of Kathmandu's nightlife | Manisha Mondal | ThePrint
काठमांडू की नाइटलाइफ़ का केंद्र माने जाने वाले थमेल में लोग शाम के समय अपने घरों और होटलों से बाहर निकलते हैं। | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
Flower petals are arranged to depict 'Hardik Shradhanjali' (heartfelt tribute) in memory of the people who lost lives in the recent uprising | Manisha Mondal | ThePrint
हालिया विद्रोह में जान गंवाने वाले लोगों की याद में ‘हार्दिक श्रद्धांजलि’ दर्शाने के लिए फूलों की पंखुड़ियां सजाई गईं | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
Candles burn bright at a square in Thamel as a crowd mourns the loss of precious lives | Manisha Mondal | ThePrint
थमेल के एक चौराहे पर मोमबत्तियां जल रही हैं और लोग कीमती जानों के नुकसान पर शोक मना रहे हैं | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
The crowd raises slogan in memory of the departed | Manisha Mondal | ThePrint
दिवंगत की याद में नारे लगाती भीड़ | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
Cafés, clubs, bars and restaurants are now seeing visitors return in numbers | Manisha Mondal | ThePrint
कैफ़े, क्लब, बार और रेस्तरां में अब बड़ी संख्या में लोग लौट रहे हैं | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
Vehicles and commuters are now back on the roads of Kathmandu | Manisha Mondal | ThePrint
काठमांडू की सड़कों पर अब वाहन और यात्री वापस आ गए हैं | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
The main gate to Singha Durbar in Kathmandu. Housing the government secretariat, Singha Durbar was ravaged by fire during the recent protests | Manisha Mondal | ThePrint
काठमांडू में सिंह दरबार का मुख्य द्वार। सरकारी सचिवालय वाला सिंह दरबार हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान आग की चपेट में आ गया था। | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट
Cleaning operation is underway to clear roads, streets littered with debris and damage from clashes in Kathmandu | Manisha Mondal | ThePrint
काठमांडू में झड़पों से क्षतिग्रस्त सड़कों और गलियों को साफ करने के लिए सफाई अभियान जारी है | मनीषा मोंडल | दिप्रिंट

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