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रविवार, 11 मई, 2025
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ब्रिटिश अध्ययन में वायु प्रदूषण से बड़े भारतीय शहरों में अधिक लोगों की मौत की बात सामने आई

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लंदन, 11 अप्रैल (भाषा) ब्रिटेन में हुए एक नये अध्ययन में सामने आया है कि भारत के बड़े शहरों में वायु प्रदूषण के कारण कम उम्र में लोगों की मृत्यु के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और पिछले कुछ सालों में यह संख्या लगभग एक लाख तक रही है।

यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) में अनुसंधानकर्ताओं के नेतृत्व में हुए अध्ययन का प्रकाशन पिछले सप्ताह ‘साइंस एडवांसेस’ में किया गया। इसमें निष्कर्ष निकला है कि तेजी से बढ़ते उष्णकटिबंधीय शहरों में 14 साल में करीब 1,80,000 लोगों की मौत वायु प्रदूषण बढ़ने की वजह से हुईं, जिन्हें बचाया जा सकता था।

दक्षिण एशिया के शहरों में वायु प्रदूषण के प्रकोप से कम आयु में लोगों की मृत्यु के मामले बढ़ने की प्रवृत्ति देखी गयी और बांग्लादेश के ढाका में ऐसे सर्वाधिक मामले आये जिनकी संख्या 24 हजार थी। इसके साथ ही भारत के मुंबई, बेंगलुरू, कोलकाता, हैदराबाद, चेन्नई, सूरत, पुणे और अहमदाबाद में ऐसे कुल एक लाख मामले आये।

प्रमुख अनुसंधानकर्ता डॉ कर्ण वोहरा ने कहा, ‘‘जमीन साफ करने और कृषि की पराली के निस्तारण के लिए जैव ईंधन को खुलेआम जलाना अतीत में उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ने का बड़ा कारण रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा विश्लेषण कहता है कि हम इन शहरों में वायु प्रदूषण के नये युग में प्रवेश कर रहे हैं और कुछ शहरों में स्थिति एक साल में इतनी बिगड़ रही है जितनी दूसरे शहरों में एक दशक में बिगड़ती है।’’

भाषा वैभव देवेंद्र

देवेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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